मैं खुद एक शब्द हूँ
चाहो तो नज़्म बना लो
बना लो अपनी ग़ज़ल
कोई गीत
कोई आह्लादित सोच
कोई दुखद कहानी....
यकीन रखो
मैं साथ रहूंगी
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
मैंने महसूस किया है कि तुम देख रहे हो मुझे अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...
wah kya bat keh di Rashmi ji aapne
जवाब देंहटाएंvery well expressed
bAHUT KHOOB KAHA HAI
जवाब देंहटाएंवाह!! .. साथ निभाना ही जरूरी है, बाकी किसी को क्या चहिये... बहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंbahut khoob .nishabd kar diya apne ko shabd bnakar .
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में बहुत कुछ कहा आपने
जवाब देंहटाएंbahut ही सुन्दर लिखा है आपने ..
जवाब देंहटाएंआप चंद पंक्तियों में भी लाजवाब बात कह जाती हैं
जवाब देंहटाएंसफर में जब शव्द साथ हों तो ऩज़्म, गजल, गीत और सोंच के बाद कहानी दुखद रह ही नहीं पायेगी.
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति.
Mom......... bahut lagi yeh kavita......
जवाब देंहटाएंbahut sundar khyaal
जवाब देंहटाएंरश्मि दी ! बस एक यही सच है ....बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंअनुभूति की सघनता एवं संवेदना का संश्लिष्ट प्रभाव इस कविता में मिलता। इसलिए इसमें अद्भुत ताजगी है ।
जवाब देंहटाएंसच कहा,शब्द ही साथ निभाते हैं और कभी साथ नहीं छोड़ते
जवाब देंहटाएंboond me sagar samane walee bat kahee hai aapane .
जवाब देंहटाएंati sunder rachana.
wat a coordination!
जवाब देंहटाएंयही तो समर्पण है।
जवाब देंहटाएंशब्द जब नि:शब्द हो जाये
जवाब देंहटाएंशायद भावनाएँ अभिव्यक्त हो जाये
शब्दो का समर्पण वाह क्या कहने
... KUCHH KHAAS ABHIVYAKTI !!!!
जवाब देंहटाएंnanhi si kali bahut hi khoosurat aur adbhut si
जवाब देंहटाएंbahut sundar ....jab khud shabd ho jayen to abhivyakti ki kahan kami.....badhai
जवाब देंहटाएंitne kam shabd aur itne gahre arth.... bahut khoob... idhar se gujra tha to socha salaam karta chalun... par ab soch raha hun ek aashiyan ya waisa hi kuch ho apna bhi yahan....
जवाब देंहटाएंitne kam shabdon mein itna kuch kah daala... shandaar...
जवाब देंहटाएंक्षणिकाएँ लिखने में तो आप सिद्धहस्त हैं ही!
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बढ़िया!
यकीं है :)
जवाब देंहटाएंbahut gahre bhav.
जवाब देंहटाएंWAAAAAHHH !!! BAS WWWAAAHHH !!!!
जवाब देंहटाएंsatsaiya ke dohre jyo navak ke teer
जवाब देंहटाएंdekhan me chhote lage ghav kare gambhir
ap par bhi sahi utarata hai .bahut sargarbhit rachna hai
"yakeen rakho, mei saath rahungi'
जवाब देंहटाएंdil ko chu gayi ye pankti......
छोटे छोटे शब्द गढ़ कर बेहद खूबसूरत अर्थ पूर्ण रचना प्रस्तुत की है आपने...बधाई...
जवाब देंहटाएंनीरज
kya bat hai
जवाब देंहटाएंbhaut sunder khyaal gada hai..acha laga
Yahi 'Ek Sach' hai aur hona bhi chaheeye.
जवाब देंहटाएंGahan bhaav samaye hai kavita.
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसंजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
mein saath rahungi... pyar mein isse jyada kya kaha jaa sakta hai... bahut kuch chhupa in kam shabon mein...
जवाब देंहटाएंये साथ हो तो अद्भुत संबल है..
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