कभी फुर्सत हो तो आना
करनी हैं कुछ बातें
जानना है
कैसी होती है नज्मों की रातें.....
कैसे कोई नज़्म
रूह बन जाती है
और पूरे दिन,रात की सलवटों में
कैद हो जाती है !
पूरा दिन ना सही
एक पल ही काफी है
प्यार को पढ़ने के लिए
नज़्म से रूह
रूह से नज़्म में बदलने के लिए !
kabhi fursat ho to aana
जवाब देंहटाएंkarni hai kuch bate
kuch apno ki kuch parayo ki
kuch nazmo ki kuch choraho ki
bas fursat milte hi aana
..............................rashmi bahut hi achchi n dil ko choo jane wali paktiya hai aapki nazm mai ......... hats off
rashmi ji ..
जवाब देंहटाएंek pal hii kaafii hai
pyaar ko padhane ke liye
najm se ruh
ruh se najm me badalane ke liye
1-najm
2-fir ruh
3-ruh se najm
vah ...kitane achchhe se aapane bataya ki
bhavnaaye shuddh hoti kaise hai
fir vishuddh ..ek najm ...banati kaese hai
bahut hi sundar aur sachchi kalpana
kishor
कैसे कोई नज्म रूह बन जाती है, सच दिल को छूते भावों के साथ सुन्दर अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंएक पल ही काफी है
जवाब देंहटाएंप्यार को पढने के लिये
जी हाँ एक एहसास है नज़्म और शायद रूह भी तो एहसास ही है.
बेहतरीन
कविता के शब्द हृदय में बहुत कोमलता से असर छोड़ते हैं.
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच कहा है दी ! कुछ पल ही काफी हैं भावनाएं पढने के लिए.बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंकैसे कोई नज़्म रूह बन जाती है ??
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना , दार्शनिक अंदाज
पूरा दिन ना सही
जवाब देंहटाएंएक पल ही काफी है
प्यार को पढ़ने के लिए
bahut hi khubsurti aapne ruh re nazm ki risate ko batayi hai ....
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में
जवाब देंहटाएंएक पल ही काफी है
जवाब देंहटाएंप्यार को पढने के लिए
अद्भुत पंक्तियाँ हैं...तत्व ज्ञान की बात कह दी आपने थोड़े से शब्दों में...वाह...
नीरज
भूली बिसरी यादों की रूह जब लार्वटें बदलती है तो सिलवटें अपने आप कहानी कह देती हैं ......
जवाब देंहटाएंबहुत ही नर्म मासूम सी रचना है ......... लाजवाब .........
बहुत सुंदर भाव लिये है अप की यह रचना. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंpyar ko ek pal main padhana aur nazma ko ruh main badlna ..ab kya kahu ? sabkuch to kah diya aapne...So...ILu...!
जवाब देंहटाएंअच्छे भाव लिए सुन्दर abhivykati शुक्रिया
जवाब देंहटाएंनज़्म से रूह और रूह से नज़्म ऐसे ही बनती है ....
जवाब देंहटाएंएक ही पल में ...पूरे दिन की फुर्सत की आवश्यकता ही कहाँ ...!!
कवयित्री का सत्य से साक्षात्कार दिलचस्प है जिसका जरिया रूह और नज़्म के रूप में हाजिर है। बहुत अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंek hi pal kafi hai
जवाब देंहटाएंpyar ko padhne ke liye
behad khoobsoorat bhav...........kab rooh nazm ban jati hai aur kab nazm rooh........pata hi nhi chalta jab pya ka ek kshan koi jee leta hai.
एक ही पल काफी है प्यार को पढने के लिए ,नज्म को रूह ,और रूह को
जवाब देंहटाएंनज्म में बदलने के लिए ! बहुत सुंदर शब्द माला में सुमेरु की तरह
सार्थक बात कही गई है ! बधाई !
पूरा दिन न सही
जवाब देंहटाएंएक पल ही काफी है
प्यार को पढने के लिए
नज़्म से रूह
रूह से नज़्म में बदलने के लिए
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ कही हैं
वाक़ई नज़्म किसी रूह का उनवान हो चली है
अभिवादन .
nazm nahin aapne bakhoobi bhavon ki ek moorti gadh di hai...
जवाब देंहटाएंDi bahut khubsurat rachna likhi hai aapne.......har rachna ki tarah yah bhee tippaniyon se upar hai...
जवाब देंहटाएंEhsaas!
sach! ham to fursat se hi aaye hai aapke blog par......1 min bhi nahi laga is nazm ko badne mein...sirf 4 sec mein bola " Wooooow " :-)
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा आपने:-
जवाब देंहटाएंएक पल ही काफी है प्यार तो पढने के लिए...
बहुत सुंदर है आपकी नज्म.
नीलिमा
वाह....!
जवाब देंहटाएंरचना में बहुत ही सरलता से कह दी इतनी गूढ़ बात!
bahut khub .
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंगागर में सागर भरना शायद इसी को कहते हैं!
सच है,
कितना मुश्किल है एक प्यारा सा गीत लिखना
और कितना आसान है उसे हंसते हुए गुनगुना देना।
--सुंदर कविता के लिए बधाई स्वीकार करें।
kuchh khas se ahsaas liye ,yah rachna kah rahi baat ,poori rachna behtrin
जवाब देंहटाएंखुबसूरत नज्म, सच है एक पल ही काफी है, प्यार को पढने के लिए |
जवाब देंहटाएंएक पल ही काफी है
जवाब देंहटाएंप्यार को पढने के लिये...
wah bahut khub rachna bahut hridaysparsi hai...
Par aajke Yuwa varsho sathrahkar bhi apne pyar ko nahi pad pate. :)
nazm ko ruh men dhalna aur ruh ko nazm kahna...bahut khoob.....badhai
जवाब देंहटाएंरश्मि दी!
जवाब देंहटाएंप्रेम की सुन्दर परिभाषा....एक आध्यात्मिक अभिव्यक्ति...
एक पल ही काफी है, उसे जानने के लिए, और रूह से नज़्म में बदल जाने के लिए.....
प्रणाम के साथ शुभकामनायें.....
"नज़्म से रूह
जवाब देंहटाएंरूह से नज़्म में बदलने के लिए !"
आपकी नज़्म सीधे रूह तक ही पहुंची और दिल से निकला " वाह ! क्या बात है :-) बहुत ख़ूबसूरत "
मम्मी जी..... बहुत सुंदर कविता.... आपने निशब्द कर दिया है....
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा अभिव्यक्ति!!
जवाब देंहटाएंवाह!!
कितनी अजीब बात है ना मैम, छंद-शास्त्र में "नज़्म" का "रूह" का वजन एक ही है।
जवाब देंहटाएंसचमुच नज़म से रूह और उल्टा...बस एक पल ही तो काफी है। बहुत खूबसूरत पंक्तियां।
bahoot khoob
जवाब देंहटाएंgagar me sagar
apke komal bhav hi apki kavitao ki rooh hote hai jo sabd ke roop me nikhar jate hai .bahut khoobsurat
जवाब देंहटाएंadiarniya rashmi ji bahut dino baad aapke blog par aaya aur itni saari dil ko choo lene wali rachnaon ko padha ki man praphulit ho gaya... nazm aur ruh ka jo rishta aapne banaya hai koi bhi pyar karne wala usse samajh sakta hai lekin bayan kewal aap kar sakti hain... wakai... pehla pyar yaad aa gaya jab unke eak jhalak se hafton gujar lete the....
जवाब देंहटाएंso true ! very nice post.
जवाब देंहटाएंएक ही रचना काफी होती है ,कवि को एक पहचान देने के लिए ,आपकी तोसभी रचनाएँ मुग्ध करती हैं ।
जवाब देंहटाएंदीदी को सोचते ही डॉ. बशीर बद्र का एक शे'र कुछ यूं याद आता है-
जवाब देंहटाएंगले में उनके ख़ुदा की अजीब बरकत है,
वो बोलती हैं तो इक रौशनी-सी होती है.
एक पल ही काफी है प्यार को पढने के लिये बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है बधाई
जवाब देंहटाएंकैसे कोई नज़्म
जवाब देंहटाएंरूह बन जाती है
नज्मों को मिली यही बेचैनी उनमे रूह भर देती है..जिनमे जज्बात का एक प्यासा समन्दर सांस लेता है..और समन्दर की गहराई नापने के लिये तो उसमे गहरे उतरने का जोखिम लेना पड़ता है..ऐसी ही नज्मों को सतह से देख कर उसकी गहराई का अंदाजा नही लगता है..
bahut khoob..........
जवाब देंहटाएंAaj Kaifi Sahab Yaad aa gaye...... "Rooh bechain hai ik Dil ki aziyat(peeda) kya hai"
rashmi ji,
जवाब देंहटाएं''bas ek pal kafi hai pyar ko padhne keliye''sab to aapne kah diya kya kahun main, behad umda nazm, badhai sweekaren.
Ha wahi ek pal hi hai jo Aana jaruri hai
जवाब देंहटाएंus pal ka intajar na jane sadiyose hai
BAHOT HI KHUBSURAT
Aap mera MERE SAPNE Jarur padhna
Rashmi ji,
जवाब देंहटाएंAapki panktiyan behadd achhi lagi... Aur tasveeren bhi...Aap ka parichey jaan kar khushi huyee.
Priya
Didi, jz mindblowing..hatss off to you!!! kitni gehri baat kitni sehajta se keh di. kalam ki takat hai bas!!
जवाब देंहटाएं--Gaurav