07 जनवरी, 2013

IF NO ONE KILLED JESSIKA ...


IF NO ONE KILLED JESSIKA ...
तो उस रात कहीं कोई बस नहीं चली 
कोई हादसा नहीं हुआ 
कोई लड़की नहीं मरी !...
अरे कभी नहीं मरी !!!
... क्या नाम था उसका ?
क्या पहचान थी  उसकी ?
क्या कहा ? - इस देश की बेटी थी !!!
- तब तो बहस ही खत्म !
यहाँ जातीयता है 
धर्म की लड़ाई है 
यहाँ जिन महान हस्तियों का शासन है 
वे सब उस बस के यात्री हैं 
तो बस की शिनाख्त भी मत करो 
अँधेरे में बेहोश चेहरे भला गवाही देते हैं 
.........
याद रखो - चश्मदीद लोग अंधे होते हैं !

31 टिप्‍पणियां:

  1. हाँ दी ....अँधेरे ओर बेहोशी ....यही आज की बस को चला रहे है ......फिर किससे क्या पूछे .....कौन क्या बताए ...ओर जो बताए उसकी सच्चाई ....किस छलनी में छनेगी ....उफ्फ्फ............

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  2. लोग अंधे ही नहीं सवेंदनाविहीन भी होते है ...अभी अभी फेसबुक पे ये कमेन्ट पढ़ के आ रही हूँ
    Madan Mohan Saxena
    रेप के लिए खुद लड़की जिम्मेदारः आसाराम बापू
    ये कैसा बापू ,ये कैसा संत ..... घोर कलयुग


    और उस पर मेरा ये जवाब रहा .... आसाराम बापू....के लिए लड़की आज भी भोग्या ही लगती है |बेईज्ज़ती,दर्द और पीड़ा क्या है वो नहीं जानते ...इस लिए ऐसा कह रहें है



    सच में अपने ही देखते देखते वक्त के साथ लोगों की सोच में कितना बदलाव आ गया है ..हैरान हूँ मैं आज सच में :(

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  3. यहाँ जिन महान हस्तियों का शासन है
    वे उस बस के यात्री हैं
    तो बस की शिनाख्त भी मत करो
    अँधेरे में बेहोश चेहरे भला गवाही देते हैं
    .........
    याद रखो - चश्मदीद लोग अंधे होते हैं !
    ....और इनके पास अपनी कोई जुबान भी तो नहीं होती हैं!!
    ....कटु यथार्थ है यह आज का ... ... ... जाने कितने चेहरे एक से हैं ... ...कौन करे पहचान !! सवाल ही सवाल खड़े हैं आज सामने ......

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  4. Very Sad situation.Hoping for better.
    Very fine, fine and all meaningful presentation

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  5. दिल का दर्द है के कम नहीं होता.....
    क्या कहूँ ...

    सादर
    अनु

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  6. दिल का दर्द है के कम नहीं होता.....
    क्या कहूँ ...

    सादर
    अनु

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  7. क्या हुआ ,
    कुछ हुआ था क्या ,
    हुआ होगा ,
    हमें क्या ,
    आज थोडा बिजी हूँ ,
    कल वक्त हुआ तो पूरी बात सुनूंगा ,
    अपनी राय भी दूँगा ,
    क्या सही , क्या गलत ,
    ये भी बताऊंगा ,
    कुछ देर को दिल दुखा तो ,
    एक मोमबत्ती भी जला दूंगा ,
    क्या ?
    मैं कब सुधरूंगा ?
    मैं किसलिए सुधरूं ?
    मुझमें क्या खराबी है ?

    दुखद है पर ज्यादातर यही आलम है | :(

    सादर

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  8. हम भी एक ऐसी बस में सवार हैं तो पता नहीं क्या होगा हमारा।

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  9. आपने सही कहा,,,
    याद रखो-चश्मदीद लोग अंधे होते हैं,,,
    अंधे के साथ साथ संवेदनहीन भी होते है,,,

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  10. ये अन्धों , बहारों, गूंगों का देश है.जो सिर्फ हाथ जोड़कर बाबाओं को पूजना जानते हैं.

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  11. जीते जी सड़क पर नंगी बदहवास आधे घंटे हमारी कज-नजरी पाती है मरने पर प्रधानमन्त्री का स्वागत. सच तो यही है....

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  12. अंधेर नगरी में चौपट राजा का (कु)शासन हो तो चश्मदीद अंधे होते हैं और गवाह बेजुबान.. चश्मदीद कौन?? बनाया हुआ, खरीदा हुआ या डराकर तैयार किया हुआ??
    बस यही है सच!!

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  13. ये कैसा दर्द है जो खत्म नही होता...बार बार मन को छलनी कर जाता है..

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  14. इस देश में अंधों और असंवेदनशील लोगों का बोलबाला है

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  15. देश कब होगा संवेदनशील,
    सच है चश्मदीद अंधे होते है

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  16. बहुत ही अच्छा लिखा आपने | सच कहें तो आज बस की बात की ही नहीं बस करने की भी ज़रुरत है | बस करें अत्याचार सहना और चुप रहना | एक विद्रोह की ज़रुरत है आज अंधे और बहरों तक आवाज़ पहुचने के लिए | मुझे सच में आपकी कविता बहुत ही प्रभावित लगी |

    Tamasha-e-zindagi

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  17. घर मे एक मै ही हूँ जो, इतनी दूर बैठी , भारत के गुण - गान करते नहीं थकती ...आज जब बेटी ने कहा अच्छा हुआ जो , हम दिल्ली मे नहीं रहते तो मेरी बोलती बंद हो गयी ....

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  18. सच कितना भयावह है ...
    बस आक्रोश ही एक किरण है जो सुलग रहा है धीरे धीरे ...

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  19. मार्मिक और आक्रोश से भरी पोस्ट ।

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  20. yahan jab tak andhere me chalti bas ke andhe chashmdid hai desh ki betiyan aise hi badhavas doudati rahengi,,aakrosh ki is chingari se ujala karne ki koshish jari rahna chahiye.
    marmik sach bayan karti post.

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  21. अति सुंदर कृति
    ---
    नवीनतम प्रविष्टी: गुलाबी कोंपलें

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  22. अति सुंदर कृति
    ---
    नवीनतम प्रविष्टी: गुलाबी कोंपलें

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  23. याद रखो - चश्मदीद लोग अंधे होते हैं !ek bhayanak sach.....

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  24. एक अभूतपूर्व परिवर्तन चाहिए मानसिकता में .. और इतनी बड़ी क्रांति में समय तो लगेगा .. वैसे जेसिका का केस तो सुलझ गया था http://www.youtube.com/watch?v=WzLXheUyWiw
    और 'अमानत'/'दामिनी' के भी सारे गुनाहगार पकडे गए .. इनको सजा मिलनी ही चाहिए, मगर इनकी सजा से कुछ ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा .. परिवर्तन तो समाज को करना है, एकदम जड़ से।

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  25. .........
    याद रखो - चश्मदीद लोग अंधे होते हैं !
    कटु सत्‍य
    ....

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  26. चश्मदीद अंधे होते हैं ....
    एक वाक्य ही काफी है कई वाकयों के लिए !!

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  27. याद रखो - चश्मदीद लोग अंधे होते हैं !

    ...आज की अवस्था पर बहुत सटीक टिप्पणी..सब कुछ देखते हुए भी हम अंधे ही तो हैं..

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  28. कोर्ट में केस का क्या हाल होगा पता नहीं ... पर चश्मदीद गवाह की बात पर भी प्रश्न उठाने लगे हैं ... अंधों का देश है ।

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दौड़ जारी है...

 कोई रेस तो है सामने !!! किसके साथ ? क्यों ? कब तक ? - पता नहीं ! पर सरपट दौड़ की तेज़, तीखी आवाज़ से बहुत घबराहट होती है ! प्रश्न डराता है,...