बहुत छोटी थी
हाँ यही कोई ५ ६ साल की
जब वह चला गया ...
कितनी लड़ाई होती थी 'दीदी' सुनने के लिए
....
और वह चला गया
समझ ही नहीं पायी कि यह जाना
कभी न आना होता है
और जैसे जैसे लगा
मुझे लगा --- मैं गरीब हो गई
'दीदी' कहने को कोई नहीं
...........
कोई मिलता , पूछती
'दीदी' कहोगे मुझे
धीरे धीरे जाना यह आसान नहीं
...........
........
स्कूल में एक दोस्त की ज़रूरत थी
ऐसा दोस्त
जो मेरा हो सिर्फ मेरा
माँ ने कहा था
दोस्त है वह डायरी
जहाँ हम कुछ भी लिख सकते
और कोई उन पन्नों को नहीं खोल सकता ...
..........
और खोज में जैसी तैसी कॉपी उठा ली
जिसके पन्ने बड़ी जल्दी फट गए
या स्याही फ़ैल गई
तब जाना यह भी इतना आसान नहीं
तभी तो अपने बच्चों को बताया---
'एक दोस्त मिल जाये
तो समझो तुम भाग्यशाली हो
दूसरा - बहुत है
तीसरा - हो ही नहीं सकता'
.........
फिर मैंने प्यार की तरफ देखा
क्या होता है प्यार !
किसी का अच्छा दिखना?
किसी की याद आना ?
किसी की राह देखना ......
तभी माँ ने एक कहानी सुनाई
इंग्लैंड के एडवर्ड की कहानी
जिन्होंने प्यार के लिए
इंग्लैंड का राज्य त्याग दिया ............
मुझे एडवर्ड से प्यार हुआ
यूँ कहिये ... एडवर्ड ने एहसास दिया कि
प्यार में प्यार से ऊपर कुछ भी नहीं
मैंने भूखे रहकर देखा
मैंने उस एक ख्वाब के आगे
अंगारों पर चलकर देखा
देखा -
मेरे अन्दर सिमसन जीती है
सोहनी, और हीर जीती है
मैंने प्यार किया बहुत प्यार किया
और ज़िन्दगी को गीत बना लिया .....
इन गीतों में मेरी धड़कनों का प्राण संचार हुआ
शक्ल उभरे
मुझे माँ कहा
और मेरी सोच को
खुद पर भरोसा हुआ !
''मैंने प्यार किया बहुत प्यार किया
जवाब देंहटाएंऔर ज़िन्दगी को गीत बना लिया ....."प्यार मे आशा का अद्भुद रूप से सन्चार होता है.. बहुत सुन्दर कविता..
Bahut sunder bhav se piroee kavita acchee lagee.....ye hee jindagee hai kabhee ruthtee hai kabhee sanvartee hai..........dhoop chAV abhinn ang hai iseke........
जवाब देंहटाएंAabhar
ज़िन्दगी की हकीकत उतार दी……………दिल मे उतर गये भाव्।
जवाब देंहटाएंजीवन क़ि रात निभाते हुवे कई रिश्ते खो जाते हैं कई मिल जाते हैं ... खोना पाना तो जीवन क़ि रीत है ....
जवाब देंहटाएंऔर वह चला गया
जवाब देंहटाएंसमझ ही नहीं पायी कि यह जाना
कभी न आना होता है
और जैसे जैसे लगा
मुझे लगा --- मैं गरीब हो गई
'दीदी' कहने को कोई नहीं
....sach mein apno ke vedana bahut gaharee hoti hai jise bhulana itna aasaan nahi....
dil ko jhakjhor karti vedanamayee bharpurn rachna ek vratchitra sa upasthit kar aakhon ke saamne saakar hoti see...
बहुत ही भावो से परिपूर्ण है ये कविता . बहुत ही सच्चाई बयां करती हुई सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंbahut Bhawpurn kavita hai, Umda abhivyaqti
जवाब देंहटाएंदीदी और माँ, बड़े भावपूर्ण, कोमल शब्द हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारा खूबसूरत कलाम
जवाब देंहटाएंवाह दीदी से गीतों तक का सफर ..क्या कमाल लिखा है.
जवाब देंहटाएंइस कविता मे आप ने दिल के भाव जाहिर किये हे सुंदर कविता के लिये धन्यवाद
जवाब देंहटाएंशब्द शब्द गहरे भाव जगाती आपकी रचना अप्रतिम है...बधाई
जवाब देंहटाएंनीरज
जीवन के रस से सराबोर करने वाली कविता। हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंkyaa likhoon ...kitne rishe sab aasaan nahi hota ..kai panktiyon mein to khud ko jee gai
जवाब देंहटाएंआपकी इस कविता पे मैं वारी जाऊं।
जवाब देंहटाएंमेरे अन्दर सिमसन जीती है
जवाब देंहटाएंसोहनी, और हीर जीती है
मैंने प्यार किया बहुत प्यार किया
और ज़िन्दगी को गीत बना लिया .
बहुत अच्छी लगीं यह पंक्तियाँ और डायरी को दोस्त बनाना .....सुन्दर रचना ..प्यार के गहरे भावों को समझाती हुई
jaise jaise padhti gayi shabdo ko apne bheetar mahsoos karti gayi.
जवाब देंहटाएंbahut sunder kavita.
दिल में उतर जाने वाले भाव बहुत ही उम्दा रचना.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है ... पढ़कर अन्दर से कुछ भारी भारी सा लगा ...
जवाब देंहटाएंयदि आपको बुरा न लगे तो क्या मैं आपको दीदी संबोधन कर सकता हूँ ?
'एक दोस्त मिल जाये
जवाब देंहटाएंतो समझो तुम भाग्यशाली हो
दूसरा - बहुत है
तीसरा - हो ही नहीं सकता'
.........
satya hai!
hridaysparshi rachna!!!
bahut adbhut rachna behad gahre bhaav, bahut shubhkaamnaayen rashmi ji.
जवाब देंहटाएंआप सब को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
जवाब देंहटाएंहम आप सब के मानसिक -शारीरिक स्वास्थ्य की खुशहाली की कामना करते हैं.
घनीभूत वेदना सहने के बाद भी आशा का दीप जलाए, किया गया सफ़र जिसमें सब कुछ के बीच में खूबसूरत गीतों की रचना करना, वाकई दिल की गहराईयों को छूने वाली एक खूबसूरत, संवेदनशील और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
ek adad apne ki talaash,bhai dost man jaise komal rishte bahut jatan se piroye hai aapne kavita me.....
जवाब देंहटाएंMai to hun hi aapki Didi kahne ke liye...!
जवाब देंहटाएंrachn bahut sunder hai bhavpurn sidha dil ko chhu gai.
di, aapko diwali ki hardik badhai.
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जवाब देंहटाएंमैंने प्यार किया बहुत प्यार किया
जवाब देंहटाएंऔर ज़िन्दगी को गीत बना लिया ...यह पंक्तियां बेहद भावमय कर जाती है ...हमेशा की तरह सुन्दर और लाजवाब रचना ।
बहुत सुन्दर कविता..
जवाब देंहटाएंरश्मी दीदी,
जवाब देंहटाएंदीपावली की बहुत बहुत बहुत सारी शुभकामनायें !
बेहद भावमयी रचना। दीपावली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर भाव ,मन में उतर गए । गुरु देव के साथ एक यात्रा शुरू की है ,आपको अच्छी लगी ,यह उनके भाव उनकी ही भाषा है ,मैनें तो उन्हें संशिप्त किया है । दीपावली की मंगलकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंइस ज्योति पर्व का उजास
जवाब देंहटाएंजगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
rashmi di kahin bhaut hi gahare prabhavit kar gai aapki kavita.
जवाब देंहटाएंbahut hi bhaukta se bhari bahut hi sundar rachna.
aapko deep-vbhia-duuj ki hardik shubh kamna.
poonam
तभी माँ ने एक कहानी सुनाई
जवाब देंहटाएंइंग्लैंड के एडवर्ड की कहानी
जिन्होंने प्यार के लिए
इंग्लैंड का राज्य त्याग दिया ............
मुझे एडवर्ड से प्यार हुआ
यूँ कहिये ... एडवर्ड ने एहसास दिया कि
प्यार में प्यार से ऊपर कुछ भी नहीं...
कुछ बातें जीवन को कितना अर्थ दे जाती हैं देखिये ....
माँ की कही कोई बात कितने गहरे तक उतर गई ....
सच्च ...प्यार से ऊपर कोई चीज़ नहीं ....
kamaal likha hai, Rashmi ji... bahut sunder!
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder aur bhavpurna rachna...
जवाब देंहटाएंऔर वह चला गया
जवाब देंहटाएंसमझ ही नहीं पायी कि यह जाना
कभी न आना होता है
और जैसे जैसे लगा
मुझे लगा --- मैं गरीब हो गई
'दीदी' कहने को कोई नहीं
subah subah rula diya aapne...
main to ye hi nahin jaanti thi, ke ye jaana kya hota hai. kuch nahin samajhti thi. bas poochti thi, ke kahan gaya, kab aayega. ..
bohot bohot maarmik...zada nahin keh paungi
समझ ही नहीं पायी कि यह जाना
जवाब देंहटाएंकभी न आना होता है
और जैसे जैसे लगा
मुझे लगा --- मैं गरीब हो गई
or
दोस्त सिर्फ होता है वह डायरी
जहाँ हम कुछ भी लिख सकते
और कोई उन पन्नों को नहीं खोल सकता ...
or
प्यार में प्यार से ऊपर कुछ भी नहीं
mun ko choo gayi ye panktiyan..bahut sunder...
bahut hi sundar or bemisal rachana hai apki...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता।
जवाब देंहटाएंसादर