०४ अप्रैल २०११ को प्रकाशित रश्मि प्रभा व नीलम प्रभा की कविता की चर्चा
http://urvija.parikalpnaa.com/2011/04/blog-post_04.html
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सारे समान बिखरे पड़े हैं
सुबह से उस नन्हें सूटकेस की तलाश जारी थी
जिसमें कुछ एहसास थे
कुछ मुस्कान थी
कुछ रूठना था
कुछ शर्मीलापन था
कुछ इंतज़ार था
कुछ इशारे थे
कुछ गीत थे...........
आज सबको करीने से सजा दिया है
आँचल से उनके चेहरे को पोछा है
चूमा है
और कहा है धीरे से
'अब साथ रहना
मेरी आँखों के आगे रहना'
मुझसे दूर मत जाना '
....
चिर परिचित गर्माहट अब मेरे साथ है !
मन के अंदर एक कसक पैदा करती नज़्म...बधाई!
जवाब देंहटाएंसूटकेस के माध्यम से कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंनवसंवत्सर पर आपको हार्दिक शुभ कामनाएँ
मेरी नई पोस्ट 'वन्दे वाणी विनयाकौ'
पर आपका स्वागत है.
एहसासों के सूटकेस की गर्माहट बनी रहे ...!
जवाब देंहटाएंbahut sunder rashmi ji
जवाब देंहटाएंसुंदर कोमल भावनाओं से भरी कोमल रचना -
जवाब देंहटाएंकोमल भावनाओ से भरपूर कविता ,स्पंदन से भरपूर,बधाई
जवाब देंहटाएंयहाँ सूटकेस जीवंत प्रतीक बन गया मन की संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का ...आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एहसासों को आपने नए बिम्बों के सहारे वर्णन किये हैं ... लाजवाब !
जवाब देंहटाएंस्मृतियों की गर्माहट।
जवाब देंहटाएंरश्मि जी ,
जवाब देंहटाएंआप की कविताएँ आप में जीती हैं या आप कविताओं में ?????
इज़हार ए जज़्बात का बेहतरीन नमूना !
बहुत ख़ूब !
और कहा है धीरे से
जवाब देंहटाएं'अब साथ रहना
मेरी आँखों के आगे रहना'
मुझसे दूर मत जाना '
अच्छा किया ...जो वक्त दिया आपने इन यादों को ....लाजवाब ...।
दीदी,
जवाब देंहटाएंसपनों को संजोना तो कोई आपसे सीखे.मन को गुदगुदाती रचना.
बेहद प्यारी कविता.
जवाब देंहटाएंसादर
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आज कुछ ड्राइंग्स
सूटकेस में अहसास,मुस्कराहट गीतों की तलाश .वाह वाह बहुत खूब.
जवाब देंहटाएं'चिर परिचित गर्माहट अब मेरे साथ है'
जवाब देंहटाएंगहन अनुभूतियों के सूक्ष्म भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ....
कोमल अहसासो की खूबसूरत अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंकोमल से एहसास ..और मधुर यादों की गर्माहट ..अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंaek sundar rachna !man mohak !
जवाब देंहटाएंsunder rachna...badhai..
जवाब देंहटाएंkomal ahsaason ki sundar see dil ko chhoo lene vali abhivyakti kitna kuchh kah jati hai aur kheench kar kahin aur bhi le jati hai.
जवाब देंहटाएंसूटकेस के माध्यम से कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंइस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू होता है इस नव संवत्सर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं
bahoot sundar rachana aur bahoot hi pyara blog prabha ji
जवाब देंहटाएंऔर कहा है धीरे से
जवाब देंहटाएं'अब साथ रहना
मेरी आँखों के आगे रहना'
मुझसे दूर मत जाना
कोई टिपण्णी नहीं, बस सोंच में गुम
अंतस के कोमल भावों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंBahut Sunder ...Komal bhav...
जवाब देंहटाएंयही तो जिंदगी है, सब साथ साथ रहे, सहेज कर रखना ही होता है इन्हें...सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंयादों का सूटकेस मिल ही गया......
जवाब देंहटाएंrashmi di
जवाब देंहटाएंaapki jitani bhi tarrif karun kam hi hai .
kitni sarlta sajta aur komlta ke saath aapne pani yadoko nanhe se sutcase me sabhal kar rakha hai
ek behatreen prastuti
hardik badhai
poonam
sunder hai..
जवाब देंहटाएंbahut khoobsorat shabd bhav sanyojan...
जवाब देंहटाएंकोमल भावनाओ......से भरी पूरी लेखनी
जवाब देंहटाएंSutkes me rakhi sari cheeze..man me bikhar gayi...sundar rachana
जवाब देंहटाएंबहुत करीने से भावों को उकेरा है....सजाव हो उठे!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं.