04 अप्रैल, 2011

नन्हें सूटकेस की तलाश

०४ अप्रैल २०११ को प्रकाशित रश्मि प्रभा व नीलम प्रभा की कविता की चर्चा
http://urvija.parikalpnaa.com/2011/04/blog-post_04.html





सारे समान बिखरे पड़े हैं
सुबह से उस नन्हें सूटकेस की तलाश जारी थी
जिसमें कुछ एहसास थे
कुछ मुस्कान थी
कुछ रूठना था
कुछ शर्मीलापन था
कुछ इंतज़ार था
कुछ इशारे थे
कुछ गीत थे...........

आज सबको करीने से सजा दिया है
आँचल से उनके चेहरे को पोछा है
चूमा है
और कहा है धीरे से
'अब साथ रहना
मेरी आँखों के आगे रहना'
मुझसे दूर मत जाना '
....
चिर परिचित गर्माहट अब मेरे साथ है !

33 टिप्‍पणियां:

  1. मन के अंदर एक कसक पैदा करती नज़्म...बधाई!

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  2. सूटकेस के माध्यम से कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति.
    नवसंवत्सर पर आपको हार्दिक शुभ कामनाएँ
    मेरी नई पोस्ट 'वन्दे वाणी विनयाकौ'
    पर आपका स्वागत है.

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  3. एहसासों के सूटकेस की गर्माहट बनी रहे ...!

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  4. सुंदर कोमल भावनाओं से भरी कोमल रचना -

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  5. कोमल भावनाओ से भरपूर कविता ,स्पंदन से भरपूर,बधाई

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  6. यहाँ सूटकेस जीवंत प्रतीक बन गया मन की संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का ...आपका आभार

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  7. बहुत सुन्दर एहसासों को आपने नए बिम्बों के सहारे वर्णन किये हैं ... लाजवाब !

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  8. रश्मि जी ,
    आप की कविताएँ आप में जीती हैं या आप कविताओं में ?????
    इज़हार ए जज़्बात का बेहतरीन नमूना !
    बहुत ख़ूब !

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  9. और कहा है धीरे से
    'अब साथ रहना
    मेरी आँखों के आगे रहना'
    मुझसे दूर मत जाना '

    अच्‍छा किया ...जो वक्‍त दिया आपने इन यादों को ....लाजवाब ...।

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  10. दीदी,
    सपनों को संजोना तो कोई आपसे सीखे.मन को गुदगुदाती रचना.

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  11. सूटकेस में अहसास,मुस्कराहट गीतों की तलाश .वाह वाह बहुत खूब.

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  12. 'चिर परिचित गर्माहट अब मेरे साथ है'

    गहन अनुभूतियों के सूक्ष्म भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ....

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  13. कोमल अहसासो की खूबसूरत अभिव्यक्ति।

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  14. कोमल से एहसास ..और मधुर यादों की गर्माहट ..अच्छी लगी

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  15. komal ahsaason ki sundar see dil ko chhoo lene vali abhivyakti kitna kuchh kah jati hai aur kheench kar kahin aur bhi le jati hai.

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  16. सूटकेस के माध्यम से कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति.
    इस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू होता है इस नव संवत्सर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं

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  17. और कहा है धीरे से
    'अब साथ रहना
    मेरी आँखों के आगे रहना'
    मुझसे दूर मत जाना
    कोई टिपण्णी नहीं, बस सोंच में गुम

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  18. अंतस के कोमल भावों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें!

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  19. यही तो जिंदगी है, सब साथ साथ रहे, सहेज कर रखना ही होता है इन्हें...सुन्दर रचना.

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  20. यादों का सूटकेस मिल ही गया......

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  21. rashmi di
    aapki jitani bhi tarrif karun kam hi hai .
    kitni sarlta sajta aur komlta ke saath aapne pani yadoko nanhe se sutcase me sabhal kar rakha hai
    ek behatreen prastuti
    hardik badhai
    poonam

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  22. कोमल भावनाओ......से भरी पूरी लेखनी

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  23. बहुत करीने से भावों को उकेरा है....सजाव हो उठे!!
    शुभकामनाएं.

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