माँ ...
हवा , बादल , धूप , छाँव
बच्चों के लिए पूरी प्रकृति
अपने आँचल में समेट
एक धरोहर बन जाती है ...
जब सारी दिशाएं प्रतिकूल होती हैं
माँ लहरों के विपरीत
संभावनाओं के द्वार खोलती है
... माँ शब्द में ही
एक अदृश्य शक्ति होती है
माँ कहते ही
हर विपदा शांत हो जाती है
माँ लोरियों का सिंचन करती है
एक आँचल में
करोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है
आदरणीय रश्मि प्रभा माँ
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
माँ शब्द में ही
एक अदृश्य शक्ति होती है
माँ कहते हीमाँ से बढ़कर कोई नहीं इस दुनिया में
बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत सुन्दर रचना! आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है!
एक आँचल में
जवाब देंहटाएंकरोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है
मान के हृदय को उड़ेल दिया है इस कविता में
यह एक चिरंतन सत्य है.
जवाब देंहटाएंमां
"एक आँचल में
करोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है"
तभी तो सारा विश्व इस सत्ता के समक्ष नत मस्तक रहता है.
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है......
जवाब देंहटाएंitni sundar paribhasha maa ki......wah kya kahne.....bemisaal kavita hai.
माँ लोरियों का सिंचन करती है
जवाब देंहटाएंएक आँचल में
करोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है
एकदम सही कहा आपने.
मां से बढ़कर कोई नहीं... मां तो बस मां है...
जवाब देंहटाएंभगवान् का चेहरा किसने देखा ...वह तो माँ के रूप में साक्षात् हमारे पास होती है बस उस दिव्य स्वरुप को जो समझ गया, उसे फिर किया चाहिए ......
माँ को सचे मनोभावों से सम्पर्पित रचना पढ़कर बहुत अच्छा लगा...
हार्दिक शुभकामनाएं
Maa kya kya ho sakti hai aur hoti hai, Sabhi kuch to baya kar diya ... ILu Maa...!
जवाब देंहटाएंमाँ .............
जवाब देंहटाएं'आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है '
भावपूर्ण प्रस्तुति .......माँ जैसा कोई नहीं |
माँ ...
जवाब देंहटाएंहवा , बादल , धूप , छाँव
बच्चों के लिए पूरी प्रकृति
अपने आँचल में समेट
एक धरोहर बन जाती है ..
और ..
.
मां कैसे तुम्हें,
एक शब्द मान लूं
दुनिया हो मेरी
पूरी तुम... बस यही शब्द निकलते हैं ... ।
सच है .. माँ आकाश होती है जिसके तले सब सुकून से रहते हैं...
जवाब देंहटाएंमाँ, बियावान जंगल या रेगीस्तान में मीठे पानी का स्रोत होती है। आशिर्वाद का अनवरत झरना होती है माँ!!
जवाब देंहटाएंबचपन में बुरा सा सपना देख जब घबरा उठते थे, माँ की आवाज मात्र भय का निवारण कर देती थी।
आज का आत्मविश्वास, उर्ज़ा, शक्ति समझ और ज्ञान सब तुझसे ही है, माँ
bahut achchhi kavitaa
जवाब देंहटाएंmantro se vaaky man ko shaant karti huii si
badhaaii
माँ ईश्वर की सर्वप्रथम अभिव्यक्ति है.
जवाब देंहटाएंइसीलिए कहा जाता है "त्वमेव माता ....."
अति सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत आभार.
'maa'......
जवाब देंहटाएंman ke bahut kareeb likha hai!
माँ ऐसी ही होती है..
जवाब देंहटाएंबेहद भावपूर्ण रचना.
माँ लोरियों का सिंचन करती है
जवाब देंहटाएंएक आँचल में
करोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है
और ये पंक्तियाँ एक माँ ही लिख सकती है
मुझे अपना एक शेर याद आ गया
"कड़ी धूप की सख्तियाँ झेल कर
वो ममता थी ,मिस्ले शजर हो गई "
एक आँचल में
जवाब देंहटाएंकरोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है
--
बहुत सुन्दर!
माँ शब्द के स्मरण से ही ममत्व की गन्ध आने लगती है!
माँ लोरियों का सिंचन करती है
जवाब देंहटाएंएक आँचल में
करोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है
और ये पंक्तियाँ एक माँ ही लिख सकती है
मुझे अपना एक शेर याद आ गया
"कड़ी धूप की सख्तियाँ झेल कर
वो ममता थी ,मिस्ले शजर हो गई "
maa aisi hi hoti hai...
जवाब देंहटाएंaabhar
दीदी एक एक शब्द ...सच, सार्थक और भाव भरा है ...बिलकुल वैसा ही जैसी की आप हो ! मेरी रश्मि दी ........
जवाब देंहटाएंएक आँचल में
करोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है !!
bhav vibhor aur chir saty se ot prot aapkee rachana bahut pyaree hai.........
जवाब देंहटाएंमाँ के आशीर्वाद से बढ़कर कुछ भी नहीं.. बढ़िया कविता..
जवाब देंहटाएंकैसी है आरजू ये, मेरी
जवाब देंहटाएंकैसी है प्यासे मन की तमन्ना ,
आज फिर से आँचल में उसकी
छिप जाने का मन करता है
माँ के आँचल के लिए आज
फिर मन ललचा है....(अंजु ..(अनु)
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमाँ शब्द में ही
जवाब देंहटाएंएक अदृश्य शक्ति होती है
माँ कहते ही
हर विपदा शांत हो जाती है...
एक एक शब्द किताब का अर्थ देता हुआ...
एक शेर हाज़िर है-
मुश्किल हज़ार आईं मगर दूर हो गईं
मां की दुआ ने की है हर इक बद्दुआ अलग
(शाहिद मिर्ज़ा शाहिद)
नहीं है मंत्र दुनिया में
जवाब देंहटाएं'माँ' शब्द जैसा कोई
आर्तमन से 'माँ' कहते ही
जगत जननी सुन लेती है
बरसाती है करूणा कृपा
दुःख-दर्द हर लेती है |
माँ आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती हैं ..
जवाब देंहटाएंमाँ को नमन !
माँ ही दुनिया है
जवाब देंहटाएंऔर जब संघर्षों के दौर में माँ का साथ रहा, उनका आशीर्वाद मिलता रहा, तो संघर्ष भी तकलीफदेह नहीं लगती...
जवाब देंहटाएंहाँ, सही में माँ में एक अदृश्य शक्ति होती है.
लिखते रहिए न, रूक क्यों गईं।
जवाब देंहटाएंबस माँ का आशिर्वाद हमेशा बना रहे यही दुआ रहती है…………सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंरश्मिप्रभा जी.............बिलकुल दुरुस्त फरमाया है ,आपने .'आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है 'माँ.माँ मात्र एक शब्द नहीं है .....वरन एक समूचा दर्शन है ,हमारी पूर्ण पहचान है........
जवाब देंहटाएंमुनव्वर राना साब का एक शेर याद आ रहा है ...
बाप का रूतबा भी कुछ कम नहीं होता लेकिन
जितनी माएं हैं फ़रिश्तों की तरह होती हैं
sach hai....sunder hai.....
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने।
जवाब देंहटाएं---------
भगवान के अवतारों से बचिए...
जीवन के निचोड़ से बनते हैं फ़लसफे़।
एक आँचल में
जवाब देंहटाएंकरोड़ों सौगात लिए चलती है
आशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है
बहुत सुंदर ....
माँ तो प्रेम का गागर है।
जवाब देंहटाएंआशीर्वचनों का महाग्रंथ होती है............कितनी सच्ची बात है !रश्मि प्रभा जी....दिल को छू लेने वाली रचना .मुनव्वर राणा का एक शेर याद आ रहा है.....
जवाब देंहटाएंबाप का रूतबा भी कुछ कम नहीं होता लेकिन
जितनी माएं हैं फरिश्तों कि तरह होती हैं ........
bakaul munnavar rana "lab pe jisake kabhi baddua nahin hoti hai, maan jab gusse mein hoti hai to ro deti hai..." maan to bas aashirvaad hi de sakati hai...
जवाब देंहटाएंमाँ शब्द ही सम्पूर्ण स्रष्टि है
जवाब देंहटाएंमां तो मां है। "पुत्र कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि माता कुमाता न भवति" कौन नकार सकता है इस बात को……युग प्रभाव से प्रभावित कुछ घटनाओं को छो…॥ सार्थक अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंbahut bhaavpurn rachna, maa maa hoti hai...badhai achhi kavita keliye.
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