कल सारी रात
दर्द से निर्विकार ...
(जाने किसका दर्द था) ! जागती रही
दर्द था या बेचैनी - पता नहीं ...
... जो भी हो -
उस दर्द को चकमा देकर
मैंने कुछ खरीदारी की !
.....
सपनों के बंजर खेत ख़रीदे ...
(बंजर थे तो कीमत कम लगी )
सौदा मेरे पास संचित रकम के अनुसार हुआ !
प्यार के ऐतिहासिक बीज भी
सस्ती कीमत में मिले ...
सुबह की किरणों के स्टॉल पर
सूरज ने मुझे ख़ास खाद दिया
बादलों ने अपनी दुकान में
पर्याप्त जल देने का एग्रीमेंट साईन किया
चिड़ियों ने भी अपने काउंटर से चहचहाकर कहा
' हम तो आयेंगे ही ....
हमारी लुप्त प्रजातियाँ भी आएँगी ...'
....
स्वेद कणों से भरा चेहरा लिए
मैंने सपनों की बंजर ज़मीन को
मुलायम करना शुरू किया .....
तो मेरे साथ चलते अनजाने हमसफ़र ने कहा
'और मैं तो हूँ ही '
सुनते ही
विश्वास से भरी हवाएँ चलने लगीं
अपनी जीत का यकीन लिए मैंने -
एडवर्ड - सिम्सन
अमृता- इमरोज़
हीर- राँझा
सोहणी - महिवाल जैसे
उत्कृष्ट बीज लगाए ...
कौन कहता है , निशां खो जाते हैं
....
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे
अदभुत और अनुपम प्रस्तुति है आपकी.
जवाब देंहटाएंआभार.
कौन कहता है , निशां खो जाते हैं
जवाब देंहटाएं....
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे
यकीनन ... ।
स्वेद कणों से भरा चेहरा लिए
जवाब देंहटाएंमैंने सपनों की बंजर ज़मीन को
मुलायम करना शुरू किया .....
तो मेरे साथ चलते अनजाने हमसफ़र ने कहा
'और मैं तो हूँ ही '
क्या लिखा है आपने माँ .... बहुत ही असुंदर.....दिल को छू गया...
अपनी जीत का यकीन लिए मैंने -
जवाब देंहटाएंएडवर्ड - सिम्सन
अमृता- इमरोज़
हीर- राँझा
सोहणी - महिवाल जैसे
उत्कृष्ट बीज लगाए ...
कौन कहता है , निशां खो जाते हैं
....
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे
........बहुत अलग ढंग से व्याख्या की है अच्छी लगी
beshkeemti bhaavnayen umda rachna.
जवाब देंहटाएंयकीनन नई कोपलों के निशां कल को दौहराते आए है और आगे भी यही होगा... क्यूंकि प्यार करने वाले भले ही ना रहें मगर प्यार खुद कभी मिटता नहीं.... बेहद सुंदर विचार लिए आपकी यह रचना मन को भाई और दिल को छु गई...
जवाब देंहटाएंकौन कहता है , निशां खो जाते हैं
जवाब देंहटाएं....
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे
सकारात्मकता लिए हुए .....जीवन लिए हुए ...सुंदर रचना .....
किसी का साथ मिलने पर सफ़र बहुत आसान हो जाता है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
कौन कहता है , निशां खो जाते हैं
जवाब देंहटाएंनई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे ..
बहुत सुन्दर ...कोमल.शब्दों का मन के गहन भावो से अद्भुत मेल.....आभार
कौन कहता है , निशां खो जाते हैं
जवाब देंहटाएं....
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे
....अद्भूत प्रस्तुति..
कौन कहता है , निशां खो जाते हैं
जवाब देंहटाएंनिशां कभी खोते भी नहीं क्योंकि ये वो एहसास होते हैं जिन्हें हम भूलना नहीं चाहते और उनमे हमेशा खोए रहना चाहते हैं।
सादर
अनिर्वर्चनीय और मधुर्
जवाब देंहटाएंदर्द के बावजूद उत्साह और आशा का संचार करती रचना....
जवाब देंहटाएं....कौन कहता है , निशां खो जाते हैं ....
सचमुच.... सुन्दर....
सादर....
विश्वास से भरी हवाएँ चलने लगीं
जवाब देंहटाएंअपनी जीत का यकीन लिए मैंने -
एडवर्ड - सिम्सन
अमृता- इमरोज़
हीर- राँझा
सोहणी - महिवाल जैसे
उत्कृष्ट बीज लगाए ...
कौन कहता है , निशां खो जाते हैं
....
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे
गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति ... हार्दिक बधाई
bahut sundar rachna, anokhe bimb. nai koplon ke nishaan nihsandeh dohraayenge. shubhkaamnaayen.
जवाब देंहटाएंयानी संचित रकम से भी इतना कुछ पाया जा सकता है...
जवाब देंहटाएंबस खरीदने की समझ होनी चाहिए.
bahut khoobsurat...
जवाब देंहटाएंसुन्दर बिम्ब प्रयोग....
जवाब देंहटाएंआशा का संचरण करती, सुन्दर भावाभिव्यक्ति....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिल से, अच्छे सपने बोने पर सबका साथ मिलता है, फूटती है नई कोपलें और इतिहास लौट आता है ...
जवाब देंहटाएंकौन कहता है , निशां खो जाते हैं
जवाब देंहटाएंनई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे सादर....
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे ...sach kaha aapne
जवाब देंहटाएंबंजर लाख थी जमीन सपनों की, किसी खास अपने के साथ होने के विश्वास की मेड पर नन्ही कोपलों को खिलना ही था ...
जवाब देंहटाएंनई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे.. bilkl sahi kaha aapne....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.........
जवाब देंहटाएंमुझे लगता है प्यार के बीज जिस कीमत में भी मिलें..सस्ते ही होंगे
जवाब देंहटाएंbehad sunder prastuti
जवाब देंहटाएंअपनों के साथ के विश्वास से बंजर धरती भी लहलहा जाती है ... नए प्रतीक लिए खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत..!!!!
जवाब देंहटाएंकौन कहता है , निशां खो जाते हैं
जवाब देंहटाएंएक लाजवाब प्रस्तुति
वाह ! एक बार फिर आपकी तिलस्मी कलम ने शब्दों का एक ख्वाब बुना.....
जवाब देंहटाएंस्वेद कणों से भरा चेहरा लिए
मैंने सपनों की बंजर ज़मीन को
मुलायम करना शुरू किया .....
तो मेरे साथ चलते अनजाने हमसफ़र ने कहा
'और मैं तो हूँ ही '
बहुत सुंदर आशा और विश्वास जगाती कविता !
बिल्कुल नही खोते जीं जब आपने प्यार के बीज बोये हैं तो विश्वास और सत्य की फसल अवश्य लहलहायेगी ।
जवाब देंहटाएंkoun kahta hai ki nishan kho jaate hain... wakai kyonki wahi nishan maargdarshak aur utprerak jaise hote hain nai kopalon ke liye...
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत भाव...बिम्ब, शैली सब मन को मोह गए..अदभुत ...
जवाब देंहटाएंनित सूरज निकलेगा।
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..... गहरे सकारात्मक भाव लिए पंक्तियाँ .....
जवाब देंहटाएंohh my God...क्या लिखा है आपने...जानते हो आप...कल से कितनी बार पढ़ चुकी...इस रचना को...फिर भी मन न भरा
जवाब देंहटाएंजिनके बीज आप अपने
बंजर खेतों में बोने चली हो
उसमें एक बीज मेरे नाम का भी रोप लेना
भले ही मैं अकेली सही
पर खुद पर इनता यकीं है
कि आपके सपनों के खेतों का
उत्क्रष्ट वृक्ष .... मैं ही बनूँगी
जब भी कोई पौध डिगने लगेगी अपने पथ से
हाड़ तोड़ बर्फीली हवाओं के डर से
तब मैं माँ बन उसे अपने आँचल में छिपा लूंगी
जब भी कोई झूमती-बलखाती बेल
तपते सूरज की गर्मी से मुरझाने लगेगी
मैं पिता बन उसे अपनी छावं में ले लूंगी
कुछ भी, कैसे भी करके उन्हें
वख्त से पहले विदा ना होने दूंगी
जो स्वप्न आपने देखा है अपनी आँखों में
उसके निशां ना मैं खोने दूंगी
बस इतनी सी गुज़ारिश है
बस इतनी सी ख्वाइश है....
गुन्जन
१४/९/११
wah....kya baat hai.
जवाब देंहटाएंविलक्षण ... क्या लाजवाब लोइखा है ... प्रेम की कोमल कोंपलें ऐसे ही खिलती रहेंगी ...
जवाब देंहटाएंरश्मि जी
जवाब देंहटाएंबढ़िया कविता .......
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे
यह बात काश सब समझ सकते.....---
नई कोपलों के निशां फिर कल को दुहराएंगे--vaah kya baat hai.
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट बीज बोयेंगे तो निसंदेह
जवाब देंहटाएंकोपले फुट आएँगी ही शाख-शाख पर !
बहुत सुंदर ........
दी ,सच बहुत ही सुंदर और मोहक स्वप्न देखा आपने और आपकी आँखों से हमने भी .....सादर !
जवाब देंहटाएंबीज कहीं भी रहे...उचित मौसम देख के अंकुरित हो ही जायेंगे...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई रश्मि जी |
जवाब देंहटाएंरश्मि जी नमस्कार्। दर्द की सुन्दर व्याख्या।
जवाब देंहटाएंआपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
जवाब देंहटाएंजय माता दी..
आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
जवाब देंहटाएंजय माता दी..