समंदर के मध्य
दिशाओं के सार तत्वों से
बनाया है शिवलिंग
प्रत्येक लहरों में शिव को घोला है
ताकि कोई किनारा सुनामी न लाए ....
रेगिस्तान के मध्य
रेत कणों से बनाया है शिवलिंग
कोई प्यासा न रहे
एक छोटे से प्रयास में
छुपी गंगा मिल जाए ....
मन के मध्य
आती जाती साँसों से
बनाया है शिवलिंग
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
' ॐ नमः शिवाय '
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
जवाब देंहटाएं' ॐ नमः शिवाय '
भावों का अनूठा संगम ....।
van shi shanti kaa ehsaas deti ye rachnaa
जवाब देंहटाएंभक्ति रस से ओत-प्रोत सुन्दर कविता !
जवाब देंहटाएंॐ नमः शिवाय ... Ilu..!
जवाब देंहटाएंमन के मध्य
जवाब देंहटाएंआती जाती साँसों से
बनाया है शिवलिंग
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
' ॐ नमः शिवाय '
वाह …………सांसो की माला पे जपूँ मै शिव का नाम्।
सब कुछ शिवमय ही तो है...ओम नमः शिवाय .
जवाब देंहटाएंमन के मध्य
जवाब देंहटाएंआती जाती साँसों से
बनाया है शिवलिंग
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
' ॐ नमः शिवाय '
अद्भुत भाव ...
shivmaye karti rachna
जवाब देंहटाएंbhavbhivor kar gayi
bahut hi umda
मन के मध्य
जवाब देंहटाएंआती जाती साँसों में
गुंथा है तुम्हें और
बनाया है ... देव सरीखा
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
अब मेरी साँसों में गुंजायमान हो
तुम .... सिर्फ तुम ..... देव
ओह कितनी अदभुत भक्ति
ऊं नम: शिवाय
जवाब देंहटाएंऊं नम: शिवाय
ऊं नम: शिवाय
बस यही सर्वत्र गुंजायमान हो रहा है.
आपने सच में समाधिस्थ ही कर दिया है.
आभार, आभार,बहुत बहुत आभार.
सत्यम,शिवम,सुंदरम .... ॐ नमः शिवाय....
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंॐ नमः शिवाय.... !
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
जवाब देंहटाएं' ॐ नमः शिवाय '.......
एक खूबसूरत दृश्य एवम ध्वनि बिम्ब !
सार्थक कविता ! बधाई !
शिव तो कल्याण का ही नाम है . सुँदर भाव ,
जवाब देंहटाएंजैसे पूरी दुनिया ही शिवमय हो गयी ... अनुपम रचना ..
जवाब देंहटाएंसुंदर..!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंऊ नम: शिवाय
सागर की विशालता में शान्ति मिलती है।
जवाब देंहटाएंशिवमय .....ॐ नमः शिवाय
जवाब देंहटाएंऊं नम: शिवाय...
जवाब देंहटाएंअनुपम रचना| "ॐ नमः शिवाय"|
जवाब देंहटाएंरश्मि जी नमस्कार्। सुन्दर भाव प्रत्येक लहरों में शिव को घोला है।
जवाब देंहटाएंताकि कोई किनारा सुनामी न लाए -------------
क्या बात है आज भक्तिरस की रचना सुंदर अतिसुन्दर ..
जवाब देंहटाएंसाँसों में गुंजायमान है
जवाब देंहटाएं' ॐ नमः शिवाय '
वाह दी...
ॐ नमः शिवाय.
मन का शिवलिंग और समाधिस्थ आत्मा..
जवाब देंहटाएंबेजोड़!
शिव ही सत्य है और वही सुंदर है।
जवाब देंहटाएंमन के मध्य
जवाब देंहटाएंआती जाती साँसों से
बनाया है शिवलिंग
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
मनोभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ।
मन के मध्य
जवाब देंहटाएंआती जाती साँसोसे
बनाया है शिवलिंग
और हो गई हूँ समाधिस्त
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
ॐ नम: शिवाय !
सत्य है सुंदर है !
' ॐ नमः शिवाय '
जवाब देंहटाएंyahi karnpriye aur saras hai.
जवाब देंहटाएंsatyam shivam sundram.
शिव ही सत्य है शाश्वत है और कल्याणकारी है.....ॐ नमः शिवाय...बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंसाधु-साधु
जवाब देंहटाएंसारगर्भित..
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
जवाब देंहटाएं' ॐ नमः शिवाय '
मन के मध्य
जवाब देंहटाएंआती जाती साँसों से
बनाया है शिवलिंग
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
बम भोले
ॐ नमः शिवाय
जवाब देंहटाएंwah.......bahut achcha laga.
ॐ नमः शिवाय ...सशक्त रचा है |
जवाब देंहटाएंदी , मैं तो नम: शिवाय के स्मरण से ही साँसें भी लेती हूँ ......सादर !
जवाब देंहटाएंअब मेरी साँसों में गुंजायमान है
जवाब देंहटाएं' ॐ नमः शिवाय '
आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी-पुरानी हलचल पर 24-9-11 शनिवार को ...कृपया अनुग्रह स्वीकारें ... ज़रूर पधारें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ...!!
जवाब देंहटाएंसर्वत्र हैं शिव ...
जवाब देंहटाएंwaah , bahut sunder
जवाब देंहटाएंॐ नमः शिवाय
जवाब देंहटाएंपरमात्मा शिव की याद दिलाती भक्ति रस से ओत - प्रोत सुन्दर कविता ।
"namo namay
जवाब देंहटाएंom namah shiway"
wahi satya hai
wahi sundar bhee...
bejod...
मन के मध्य
जवाब देंहटाएंआती जाती साँसों से
बनाया है शिवलिंग
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
' ॐ नमः शिवाय '
सुंदर रचना । मन शिवमय हो गया ।
rashmi di
जवाब देंहटाएंbahut hi achha laga padh kar .sach hai jab tak man ko ekagrachitt nahi karenge tab tak kisi bhi kaam me saflta nahi milegi.
aapne bhakti ke madhyam se yah sidhh kar diyya hai.
di, main aapko pahle hi badhai dene wali thi par swasthya ki vajah se net par jaldi -jaldi nahi aa pa ra hi hun.
Vat -Vrixh ka dusra ank padhne ko mila aur sabhi ki rachnaye padhne ko mili. bahut kuchh naya seekhne ko bhi mila .di, pahala ank kahan se milega kripya bataiye.
aapko hardik badhai
sadar naman
poonam
रेगिस्तान के मध्य
जवाब देंहटाएंरेत कणों से बनाया है शिवलिंग
कोई प्यासा न रहे
एक छोटे से प्रयास में
छुपी गंगा मिल जाए ....
bahut khoob....