इतनी भी शिकायत ना रखना मुझसे
कि मैं दूर चली जाऊँ
मिलने के बहाने बने रहें तो अच्छा होता है
...
क्या मिला तुम्हें भगवान् के आगे खड़े रहकर
मैं तो तुम्हारा द्वार खटखटाकर लौट आई हूँ ...
मेरी बेबसी की आलोचना तो तुमने जी भर के की
कभी अपनी मान्य हैसियत का मुआयना भी कर लेना ...
कितना फर्क है तुममें और हममें
विदा के वक़्त तुमने सबके हाथ में पैसे रखे !
मैंने सर पर हाथ रखा
और दुआ देकर आई हूँ ...
तुम्हें लगा था तुम खरीद लोगे मुझे भी
मुड़कर देखना जरा पीछे
मैं इस पैसे की औकात को ठुकरा के यहाँ आई हूँ !
दुःख है इस बात का - तुम समझोगे मुझे जब तक
तुम्हारे हिस्से का सौभाग्य बहुत दूर चला जाएगा
परंपरा की बातें तुम दावे से किया करते हो
ये अलग बात है कि तुम्हें निभाना नहीं आया
आगे बढ़कर हाथ मिलाने में मुझे कोई तकलीफ नहीं है
लेकिन तुम्हारे दम्भ को हवा देना मुझे मंज़ूर नहीं है ...
माना छत तो उपरवाले ने तुम्हें बहुत सारी दी
गौर करना तुम्हारे पैरों के नीचे कोई ज़मीन नहीं है !!!