बादलों की गर्जना,
कड़कती बिजली,
बारिश की तेज बौछारें,
मंद-मंद हवाएं !
हल्की ठण्ड का आलम है............
एक गर्मागर्म कॉफी हो जाए!
.........
कॉफी और मौसम तो बस बहाना है-
साथ बैठने का,
रिश्तों की खोई गर्मी को लौटाने का.........
बादल तो फिर चले जायेंगे,
बिजलियों की कड़क,
बारिश की फुहारें थम जाएँगी,
मुमकिन है कॉफी ठंडी हो जाए!
पर अगर हाथ थाम लो
तो जीवन की राहें आसान हो जाएँ
और कॉफी की खुशबू साथ हो जाए............
कड़कती बिजली,
बारिश की तेज बौछारें,
मंद-मंद हवाएं !
हल्की ठण्ड का आलम है............
एक गर्मागर्म कॉफी हो जाए!
.........
कॉफी और मौसम तो बस बहाना है-
साथ बैठने का,
रिश्तों की खोई गर्मी को लौटाने का.........
बादल तो फिर चले जायेंगे,
बिजलियों की कड़क,
बारिश की फुहारें थम जाएँगी,
मुमकिन है कॉफी ठंडी हो जाए!
पर अगर हाथ थाम लो
तो जीवन की राहें आसान हो जाएँ
और कॉफी की खुशबू साथ हो जाए............
ho jaye
जवाब देंहटाएंjarur ho jaye cofee ek cup......
जवाब देंहटाएंaha laga risto me garmi ka ehsas dilatee cofee ka test
पर अगर हाथ थाम लो
जवाब देंहटाएंतो जीवन की राहें आसन हो जाएँ
और कॉफी की खुशबू साथ हो जाए.........
सही कहा आपने ..यादे यूँ जोड़ने का कुछ तो बहाना चाहिए ,,यह अंदाज़ भी बहुत भाया दिल को
शानदार गरमा गरम कौफ़ी के लिये शुक्रिया.साथ ही साथ कविता की बरसात में भिगोने का भी शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब. शानदार.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन..... उम्दा....
पढ़ कर अच्छा लगा
bahut sundar....
जवाब देंहटाएंsach hi hai coffee to matr ek bahaana hai apane rishton men garmaahat lane ka.
तो जीवन की राहें आसन हो जाएँ
जवाब देंहटाएंऔर कॉफी की खुशबू साथ हो जाए............
sachmuch ham jaise coffee lover to khushbu se hi khush ho jate hain.
कॉफी और मौसम तो बस बहाना है-
जवाब देंहटाएंसाथ बैठने का,
रिश्तों की खोई गर्मी को लौटाने का.........
aaye na delhi ek coffee ho jaye..bahut mitas hain es coffee main aur payar bhri...dil ke pass coffee
bahut khoobsorat hai bahut achha hai
जवाब देंहटाएंANil
बरसाते आती रही भिगोती भी होंगी
जवाब देंहटाएंकोई बूँद बालों से टपक कर
होठों तक जाती होगी
और भीगे ठिठुरते तन मन मे
कोई ख्याल मेरा दे जाती होगी ..
और एक कप गर्म कॉफी
सारे माहौल मे बिखेर जाती होगी ......
achchi rachna ....bahut khoob...
जवाब देंहटाएंमानवीय संबंधों को व्यक्तिगत सन्दर्भ में चित्रित करना एक मनोवैज्ञानिक कसरत के सामान के होता है ..व्यक्ति से जुडी aur आस पास बिखरी घटनाओं और पास पड़ी जड़-अजड़ वस्तुओं में एक अनजाना सा गहरा जुडाव होता है जिन्हें रेखांकित करना सरल नहीं ! कई साधारण सी दिखने वाली परिस्थितियां अपने चारों ओर गहरा भावनात्मक आलोक बिखेरती हैं जिन्हें आपने बखूबी महसूश किया और बहोत खूबसूरती से कागज पे उकेरा है..आपकी इस छोटी सी सरल !! एक कप कॉफी हो जाए !! में प्यार,पीडा,उम्मीद,एक अलसाई हुई सी कशमकश ;रिश्तों में जमी बर्फ ;जज्बातों की गुलाबी तपिश ...सब कुछ कितने जीवंत लग रहे हैं.!
जवाब देंहटाएं...देश.
अच्छा है. बहुत अच्छा है.
जवाब देंहटाएंआज पहली बार आपकी रचना पढ़ी वास्तव में बहुत सुंदर है। आपने सीधे सरल शब्दों में जो व्यक्त किया है बदलों की गर्जन कड़कती बिजली,बारिश की तेज बौछारें,उस कष्ट को दर्शाता है जो ईश्वर से दूर रहने पर होता है और ये मंद-मंद हवाएं ईश्वर की आराधना का सुख है जो हल्की ठण्ड का आलम का सुख देता है कॉफी और मौसम तो बस बहाना है-
जवाब देंहटाएंतात्पर्य है कि पूजा पाठ और ईश्वर की अराधना तो एक रास्ता है रिश्तों की खोई गर्मी को लौटाने का..(ईश्वर के सामिप्य का).. जिससे दुख रूपी बिजलियों की कड़क,बारिश की फुहारें थम जाएँगी,
हो सक है ईश्वर की अराधना करते-करते कंठ अवरुद्ध हो जाए उम्मीद का दामन छूटने लगे (अर्थात मुमकिन है कॉफी ठंडी हो जाए!)किंतु है ईश्वर अगर तेरे हाथ का सहारा मिल जाए तो जीवन के सब कष्ट दूर हों जीवन में तेरे प्रेम की महक हीमहक हो...
इतने सुंदर भावों से सराबोर कविता वास्तव में जीवन का सार देती है ..........धन्यवाद..बधाई
कॉफी और मौसम तो बस बहाना है-
जवाब देंहटाएंसाथ बैठने का।
सही बात। जीवन में अक्सर ऐसा हो जाता है कि साथ बैठने के भी बहाने खोजने पडते हैं।
coffee ki garmahat main yaha bhi mehsoos kar raha hu.. bahut umda
जवाब देंहटाएंकॉफी और मौसम तो बस बहाना है-
जवाब देंहटाएंसाथ बैठने का,
रिश्तों की खोई गर्मी को लौटाने का.........
बादल तो फिर चले जायेंगे,
बहुत सुन्दर लिखा है। पढ़कर आनन्द आगया। बधाई स्वीकारें।
आज की भागम-भाग ज़िन्दगी मे ऐसे खूबसूरत लम्हे के लिये शुक्रिया..
जवाब देंहटाएंगर्मागर्म कॉफी कविता बहुत अच्छी है कल इसकी समीक्षा लिखना चाहूंगा..बधाई
जवाब देंहटाएंआप की शानदार गरमा गरम कौफ़ी की खुशबू ने मस्त कर दिया , बहुत अच्छी लगी , धन्यवाद
जवाब देंहटाएंपर अगर हाथ थाम लो
जवाब देंहटाएंतो जीवन की राहें आसन हो जाएँ
और कॉफी की खुशबू साथ हो जाए............
waah.....
yahee khushboo
pag ko phira se degee gati,
tho aaiye chaliye peethe haiM cofee
.
जवाब देंहटाएंएक नयी ऊष्मा प्रवाहित करती रचना !
BAHUT BADHIYA,
जवाब देंहटाएंITNE SUNDAR DHANG SE ITNI SAHI BAAT KEH DI AAPNE, SACH HAI KI KOI NA KOI BAHANA CHAHIYE..
ACHHI LAGI..
excellent mam........आपने बिल्कुल सही लिखा है,आजकल हर काम के लिए बहाना चाहिए! रिश्ते निभाने के लिए भी बहाना चाहिए !मगर जहाँ तक मेरा मानना है,ये बहाना दो दिलो के बीच नहीं आना चाहिए!किसी के साथ जबरदस्ती बैठकर कॉफी पीना या कोई मेरे साथ जबरदस्ती बैठकर कॉफी पिए,ऐसा होने से कॉफी का स्वाद बिगड़ जाता है!जो रहना नहीं चाहता उसे रोकने की चेष्टा करना उसे और खोना है....मौसम तो आते-जाते रहते है,मगर रिश्ते खो गए तो बहुत मुश्किल से दुबारा मिलता है,या फिर मिले भी नहीं...............
जवाब देंहटाएंsundar..
जवाब देंहटाएंpurani yaadein tazara ho gayi..!
mere yu barish me bheegna aur unka garm garm coffe bana lana..!
aur EK CUP COFFEE share kar lena..!
KAASAH..tum hote to shayad sun pate..!!
sadar abhivadan
जवाब देंहटाएंpant jee ke bitiya or unake bitiya ko
mukul ka pranam
aapake is kavita men anokha pan hai
उतने ही शब्द-
मेरी पिटारी में डाल दिए....!
हिसाब कच्चा नहीं तुम्हारा,
जब भी घायल करते हो,
कुछ शब्द दे जाते हो....!
इन्ही शब्दों को लिए
मैं घायलों को तलाशती हूँ
और शब्दों का व्यापार करती हूँ!!!
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंआभार.
bahut sunder didi
जवाब देंहटाएंbhaut achhi baat
Khubshurat kavita ke sath ek akarshak amantran, Soch raha hu ki ek cup garmagaram coffie ho hi jaye :)
जवाब देंहटाएंvery very nice n beautifull poem..
जवाब देंहटाएंwaise bhi mujhe coffee aour chai bahut achhi lagati hai aour wo bhi doston ke saath to phir kehna hi kya.
superb, khubsurat, pyari rachna.......one of the best!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna hai congratulation . if u have a little time please viti to my blogs too manoria.blog.co.in and manoria.blogspot.com
जवाब देंहटाएंठंडे जमे रिश्तो मे कुछ इस तरहां गर्माहट आई है जो बयान नहीं कि जा सकती......बहुत अच्छे
जवाब देंहटाएंबरसात में गर्म चाय काफी के बात ही निराली है और इस पर आपने बहुत ही सच्ची बात कही कि..
जवाब देंहटाएंबारिश की फुहारें थम जाएँगी,
मुमकिन है कॉफी ठंडी हो जाए!
पर अगर हाथ थाम लो
तो जीवन की राहें आसान हो जाएँ
और कॉफी की खुशबू साथ हो जाए........
बहुत अच्छी प्रेरक रचना ..आभार
बहुत खुबसूरत .प्यारी रचना...
जवाब देंहटाएं:-)