03 फ़रवरी, 2010

ख्वाब पूरे होंगे




कहता है वो
ख्वाब होते ही हैं
सच होने के लिए
यूँ ही ख्वाब आँखों में नहीं उतरते

सुनते ही एक अदृश्य डोर
मेरी पाजेब बन जाती है
रुनझुन की मिठास बन
उसके आँगन में
पूजा के दीप जलाती है

कहता है जो वह सच
तो ये ख्वाब भी पूरे होंगे !

39 टिप्‍पणियां:

  1. Mammy ji kavita thodi aur badi hoti to aur maza aata... lekin haan ye bhi hai ki in shabdon me hi baat poori ho gayi... behatreeeen

    Jai Hind...

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  2. कम शब्दों में अगर बहुत कुछ समाया हो तो कितना अच लगता है... मुझे तो ये बहुत भाता है..जैसे ये रुनझुन शब्दों की पाजेब बज गयी यहाँ मन हरा हो गया है फिर बहारो की तरह गा उठा हो जैसे..
    बहुत अच्छी कविता

    सखी प्यार के साथ

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  3. ख्वाब होते ही हैं पूरे होने के लिये बस ख्वाबों की तलब बढानी होगी.
    सुन्दर रचना

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  4. कम शब्दों में अगर बहुत कुछ समाया हो तो कितना अच लगता है... मुझे तो ये बहुत भाता है..जैसे ये रुनझुन शब्दों की पाजेब बज गयी यहाँ मन हरा हो गया है फिर बहारो की तरह गा उठा हो जैसे..
    बहुत अच्छी कविता

    सखी प्यार के साथ

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  5. हाँ,
    आत्मीय के प्रोत्साहन भरे दो शब्द
    कभी पंख बन नील गगन में उड़ा ले जाते हैं
    कभी पाजेप बन नाचने के लिए विवश कर देते है
    और मन
    श्रद्धा से नतमस्तक हो जाता है.
    ..कम शब्दों में बहुत कुछ..बधाई.

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  6. देखिये ना प्रारम्भ हो चुका है...

    आपको बहुत-बहुत बधाई...

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  7. रश्मि जी आप की इस छोटी सी कविता में भावों की असीम गहराई है आप को मेरी बधाई.

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  8. बहुत सही कहा आपने....मम्मी जी.... सच होने के लिए यूँ ही ख़्वाब...आँखों में नहीं उतरते... बहुत अच्छी लगी यह कविता....

    मैं छः को दिल्ली जाऊंगा तो अनमोल संचयन ज़रूर लेके आऊंगा....

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  9. आस्था और आशावादिता से भरपूर स्वर इस कविता में मुखरित हुए हैं।

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  10. ख्वाब होते ही है,
    सच होने के लिए,
    यू ही ख्वाब आखों में नहीं उतरते |

    इस तरह के सुन्दर और सकारात्मक विचार ही ख्वाब को हकीक़त में बदलते है |

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  11. Khwaab hote hi hai sach hone ke liye ....Chunmun kavita ki runjhun acchi lagi :-)

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  12. बस मन में एक विश्वास रख कर ख्वाबों को सच करने में लग जाए...ज़रूर ख्वाब ही पूरे होते है....बढ़िया भाव...धन्यवाद रश्मि जी

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  13. लाजवाब , शब्दो से खेलना तो कोई आपसे सिखे ।

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  14. किसी के सपनों से बने शब्दों से रुनझुन करती पाजेब पहने पूजा .... आप शब्दों की बाजीगर हैं ....
    क्या है आपमें ...मैं समझ नहीं पाती ...हर बार गहरी श्रद्धा उपजती है ....!!

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  15. rashmiji aapse milne ka mauka chhot gaya ! khhab pure honge mein khaab ko aur bhi behtreen bana diya hai aapne... aaj kal mein jaa ke aapki pustak le raha hoon phir uspar pratikriya doonga...waise aap jo bhi likhengi bahut badhiya likhengi !

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  16. ख्वाब सजाना और सार्थक प्रयास करके उसे पा लेना ,सुखद अनुभूति देता है ।

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  17. hamesha ki tarah ek bahut hi sundar aur sakaratmak abhivyakti..........badhayi

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  18. सुन्दर आशा का संचार करते शब्द जडित ये रचना अनुपम है.
    नीरज

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  19. Di, kawita bahut pyari...

    Lekin ye batayen jo delhi se bahar h use aapki book kaise milegi...?

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  20. ख्वाब होते ही है,
    सच होने के लिए,
    यू ही ख्वाब आखों में नहीं उतरते |

    aaj is sach ko maine bhi swikara hai ki sachmuch khwab pure hone ke liye hi aankho me aate hai........... bas samajh ka fer hota hai.......
    रुनझुन शब्दों की पाजेब बज गयी........ shabdo ki jadugari kar di is baar bhi aapne.....

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  21. bahut sunder bhavo kee abhivykti.........
    aatm vishvas sath hai to khwab poore hone hee hai jee ..........

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  22. पुस्तक के प्रकाशन के लिए बहुत बहुत बधाईयाँ ....
    यह पुस्तक अधिक से अधिक साहित्यप्रेमियों तक पहुंचे,यही शुभकामना है...

    कविता इस बार भी हमेशा की तरह बेजोड़ है...

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  23. Bahut hee sakaratmak bhavon kee abhivyakti aur sheetal ahsaas...bahut hee sundar..badhaai!!

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  24. खूबसूरत ....... उम्मीद का दीप जलाती है आपकी रचना ............ मधुर एहसास में डूबी .......... किसी दूसरी दुनिया में ले के जाती ...... बेहतरीन प्रस्तुति ...........

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  25. .... अदभुत, शिखर को छूने वाली अभिव्यक्ति !!

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  26. kitni khubsurat....kitni ummeden jagati rachna...bahut bahut shubhkamnaye Di

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  27. Di, bahut dil se likhi gayi nazm...aur behad masoom khayaal.

    --Gaurav

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  28. बहुत सुन्दर....बस ये उम्मीद जगाए रहें....सुन्दर अभिव्यक्ति

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  29. सच है ........ये ख्वाब ही है जो हमें लगातार आगे बढ़ने को उत्प्रेरित करती है.....जीवन को एक नयी दिशा प्रदान करती हैं.और उनका सच होना मानव-जीवन की सार्थकता .

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  30. बहुत ही सुन्‍दर गहन भावों के साथ लाजवाब प्रस्‍तुति, आभार ।

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  31. एसा लगा जैसे शब्दों को पिरों कर कोई माला बनाई गई हो कहने को वो सिर्फ माला है लेकिन उसमे पिरे हर एक मोती की कोई अपनी कहानी है।
    बहुत ही सुंदर लगा।

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  32. पुस्तक के प्रकाशन पर अभिनन्दन । ख्वाब सच हो गये ।

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  33. थोड़े से शब्दों में कितने ही गहरे भाव समा गए.
    सुनते ही एक अदृश्य डोर
    मेरी पाजेब बन जाती है
    रुनझुन की मिठास बन
    उसके आँगन में पूजा के दीप जलाती है
    बहुत सुन्दर.
    महावीर शर्मा

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  34. अगली पोस्ट में उस ख्वाब के ज़िक्र का इन्तिज़ार रहेगा. अपने ये पूरे होने वाले कुछ ख्वाब मुझे भी उधार दे दो ना !

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