22 सितंबर, 2011

शिवलिंग



समंदर के मध्य
दिशाओं के सार तत्वों से
बनाया है शिवलिंग
प्रत्येक लहरों में शिव को घोला है
ताकि कोई किनारा सुनामी न लाए ....

रेगिस्तान के मध्य
रेत कणों से बनाया है शिवलिंग
कोई प्यासा न रहे
एक छोटे से प्रयास में
छुपी गंगा मिल जाए ....

मन के मध्य
आती जाती साँसों से
बनाया है शिवलिंग
....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
' ॐ नमः शिवाय '

46 टिप्‍पणियां:

  1. अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '
    भावों का अनूठा संगम ....।

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  2. भक्ति रस से ओत-प्रोत सुन्दर कविता !

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  3. मन के मध्य
    आती जाती साँसों से
    बनाया है शिवलिंग
    ....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
    अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '
    वाह …………सांसो की माला पे जपूँ मै शिव का नाम्।

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  4. सब कुछ शिवमय ही तो है...ओम नमः शिवाय .

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  5. मन के मध्य
    आती जाती साँसों से
    बनाया है शिवलिंग
    ....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
    अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '

    अद्भुत भाव ...

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  6. मन के मध्य
    आती जाती साँसों में
    गुंथा है तुम्हें और
    बनाया है ... देव सरीखा
    ....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
    अब मेरी साँसों में गुंजायमान हो
    तुम .... सिर्फ तुम ..... देव

    ओह कितनी अदभुत भक्ति

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  7. ऊं नम: शिवाय
    ऊं नम: शिवाय
    ऊं नम: शिवाय

    बस यही सर्वत्र गुंजायमान हो रहा है.
    आपने सच में समाधिस्थ ही कर दिया है.

    आभार, आभार,बहुत बहुत आभार.

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  8. सत्यम,शिवम,सुंदरम .... ॐ नमः शिवाय....

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  9. अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '.......
    एक खूबसूरत दृश्य एवम ध्वनि बिम्ब !
    सार्थक कविता ! बधाई !

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  10. शिव तो कल्याण का ही नाम है . सुँदर भाव ,

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  11. जैसे पूरी दुनिया ही शिवमय हो गयी ... अनुपम रचना ..

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  12. सागर की विशालता में शान्ति मिलती है।

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  13. रश्मि जी नमस्कार्। सुन्दर भाव प्रत्येक लहरों में शिव को घोला है।
    ताकि कोई किनारा सुनामी न लाए -------------

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  14. क्या बात है आज भक्तिरस की रचना सुंदर अतिसुन्दर ..

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  15. साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '

    वाह दी...
    ॐ नमः शिवाय.

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  16. मन का शिवलिंग और समाधिस्थ आत्मा..
    बेजोड़!

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  17. मन के मध्य
    आती जाती साँसों से
    बनाया है शिवलिंग
    ....... और हो गई हूँ समाधिस्थ

    मनोभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ।

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  18. मन के मध्य
    आती जाती साँसोसे
    बनाया है शिवलिंग
    और हो गई हूँ समाधिस्त
    अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ॐ नम: शिवाय !
    सत्य है सुंदर है !

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  19. शिव ही सत्य है शाश्वत है और कल्याणकारी है.....ॐ नमः शिवाय...बहुत सुंदर.

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  20. अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '

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  21. मन के मध्य
    आती जाती साँसों से
    बनाया है शिवलिंग
    ....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
    अब मेरी साँसों में गुंजायमान है



    बम भोले

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  22. दी , मैं तो नम: शिवाय के स्मरण से ही साँसें भी लेती हूँ ......सादर !

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  23. अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '

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  24. आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी-पुरानी हलचल पर 24-9-11 शनिवार को ...कृपया अनुग्रह स्वीकारें ... ज़रूर पधारें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ...!!

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  25. ॐ नमः शिवाय
    परमात्मा शिव की याद दिलाती भक्ति रस से ओत - प्रोत सुन्दर कविता ।

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  26. "namo namay
    om namah shiway"
    wahi satya hai
    wahi sundar bhee...
    bejod...

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  27. मन के मध्य
    आती जाती साँसों से
    बनाया है शिवलिंग
    ....... और हो गई हूँ समाधिस्थ
    अब मेरी साँसों में गुंजायमान है
    ' ॐ नमः शिवाय '
    सुंदर रचना । मन शिवमय हो गया ।

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  28. rashmi di
    bahut hi achha laga padh kar .sach hai jab tak man ko ekagrachitt nahi karenge tab tak kisi bhi kaam me saflta nahi milegi.
    aapne bhakti ke madhyam se yah sidhh kar diyya hai.
    di, main aapko pahle hi badhai dene wali thi par swasthya ki vajah se net par jaldi -jaldi nahi aa pa ra hi hun.
    Vat -Vrixh ka dusra ank padhne ko mila aur sabhi ki rachnaye padhne ko mili. bahut kuchh naya seekhne ko bhi mila .di, pahala ank kahan se milega kripya bataiye.
    aapko hardik badhai
    sadar naman
    poonam

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  29. रेगिस्तान के मध्य
    रेत कणों से बनाया है शिवलिंग
    कोई प्यासा न रहे
    एक छोटे से प्रयास में
    छुपी गंगा मिल जाए ....
    bahut khoob....

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