04 दिसंबर, 2011

प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता



कहते हैं वे ...
'कहा तो होता '
'बताना था '...
'अरे उसकी बात हटाओ
सब सेल्फिश हैं '
हर बार एक भरोसे ने सर उठाया
'अब चिंता की बात नहीं
अब मेरे बच्चे नहीं घबराएंगे
कॉलेज में चले गए तो क्या
अभी .... घबराहट तो होती है न !'

बात कहीं पैसे पर , कहीं परेशानी पर
कहीं समय पर आकर रुक जाती है ...
और अनुभवी स्वर -
भगवान् की मर्ज़ी !'
हाँ भगवान् की मर्जी
और मन को समझाती हूँ
' बच्चे समझदार हो गए
समय के अनुसार वे सब संभाल लेते हैं ...'
और सब भी यही कह जाते हैं -
'एक तरह से यह अच्छा ही हुआ
बच्चे अपनी ज़िम्मेदारी समझने लगे हैं ...'

कहाँ, कब, बचपन घबराकर इधर उधर देखता रहा
इस पर चिंतन अपेक्षित ही नहीं रहा ...
जोर से बोल लो - बात ख़त्म !
पैसा दे दो - ज़िम्मेदारी ख़त्म !
सब जानते हैं -
पैसों का इंतजाम होना मुश्किल है
बहुत मुश्किल नहीं
खासकर उनके लिए
जो ज़िन्दगी से समझौता करते आए हैं
और ठोकरें खाकर भी
प्यार को महत्वपूर्ण मानते हैं .....
और मंत्र की तरह अनगिनत जाप करते हैं -
"प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "

45 टिप्‍पणियां:

  1. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ नहीं होता "
    वाह! बहुत सुन्दर.

    हमेशा की तरह ही अनुपम.

    मेरे ब्लॉग पर आपका इंतजार है.

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  2. प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ नहीं होता "
    waakai.....
    mohabbat karne waale
    jaan hathelee
    par le kar ghoomte

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  3. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "

    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ...

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  4. खासकर उनके लिए
    जो ज़िन्दगी से समझौता करते आए हैं
    और ठोकरें खाकर भी
    प्यार को महत्वपूर्ण मानते हैं ...

    सच को कहती अच्छी प्रस्तुति ..

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  5. बहुत सुन्दर रचना दी...
    शाश्वत की काव्यात्मक अभिव्यक्ति...
    सादर...

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  6. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "

    हिम्मत बढ़ाती ये पंक्ति यादगार बनेगा...!

    हमेशा की तरह आपकी एक और नई भावना ..!

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  7. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "

    बिलकुल सही कहा आपने।

    ----
    कल 05/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  8. शब्दश : सत्य कहा है . प्रभावी रचना .

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  9. बिल्कुल सच, क्या कहने

    बहुत मुश्किल नहीं
    खासकर उनके लिए
    जो ज़िन्दगी से समझौता करते आए हैं
    और ठोकरें खाकर भी
    प्यार को महत्वपूर्ण मानते हैं .

    अकाट्य सत्य

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  10. प्यार साथ और विश्वास हो तो फिर कैसा खौफ़ और किसका खौफ़्…………सुन्दर रचना।

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  11. सत्य की स्याही से लिखी गई रचना...अच्छी प्रस्तुति|

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  12. प्यार से निकलती है राह...
    शुभकामनाएँ !

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  13. सुंदर रचना.बधाई....
    नई पोस्ट में स्वागत है

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  14. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ नहीं होता "....उर सभी राहे आसान हो जाती है.....बहुत अच्छी अभिवयक्ति..... प्यार की......

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  15. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता " सत्य कथन..

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  16. सब जानते हैं -
    पैसों का इंतजाम होना मुश्किल है
    बहुत मुश्किल नहीं
    खासकर उनके लिए
    जो ज़िन्दगी से समझौता करते आए हैं
    और ठोकरें खाकर भी
    प्यार को महत्वपूर्ण मानते हैं .....

    ऐसा केवल माँ बाप ही कर सकते है और खुशनसीब हैं वो माँ बाप जिनके बच्चे उनके प्रयासों को भुला नहीं देते

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  17. yeh lines parh kar Dev Saheb ki lines yaad aati hai "Mein jindagi ka sath nibhata chala gaya ...har fikr ko dhuen mein urata chala gaya.....woh jindagi ko jashn samjhate the.....umr ka toofan unhe jashn manane se nahin rok saka.....

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  18. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "

    bahut sundar

    www.poeticprakash.com

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  19. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "
    सब को पराजित कर देता है ये ...

    सार्थक कथन ... आभार ।

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  20. "प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "
    haan......sahi baat.

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  21. जब तक ये संसार है .........प्यार उसका अटल सत्य रहेगा

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  22. कहाँ, कब, बचपन घबराकर इधर उधर देखता रहा
    इस पर चिंतन अपेक्षित ही नहीं रहा ...
    जोर से बोल लो - बात ख़त्म !
    पैसा दे दो - ज़िम्मेदारी ख़त्म !

    कितना कुछ बदल जाता है..बाद में

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  23. प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "
    बिलकुल सही सुंदर रचना ......

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  24. प्यार हो तो तूफानों का भी खौफ़ नहीं होता "
    बिलकुल सही सुंदर रचना ......

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  25. यह तो सत्य है ...
    शुभकामनायें आपको !

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  26. मनोरम चित्र और सुंदर शब्दांकन, बधाई।

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  27. प्यार खुद ही एक तूफान होता है,
    फिर तूफान से तूफान को डर कैसा ?
    आपकी अभिव्यक्ति अति सुन्दर
    एवं सराहनीय है.
    धन्यवाद.
    आनन्द विश्वास.

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  28. सच कहा है ... प्यार होना जरूरी है ... फिर डर नहीं रहता ...

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  29. सच कहा दीदी
    मैं aajkal pyaar को करीब से जान रही हूँ :)

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  30. बस यही है ज़िन्दगी...सुन्दर रचना, बधाई.

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  31. हाँ दी ,प्यार को तूफानों का खौफ नहीं होता .. पर करें क्या ये प्यार भी तो नहीं मिलता ......सादर !

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  32. कहने को तो आपने सौ की एक बात कह डाली कि "प्यार हो तो तूफानों का दर नहीं होता" मगर कई बार जीवन कि एक गलती ऐसी भी होती है जब नफरत से ज्यादा प्यार से डर लगने लगता है। क्या आपने कभी महसूस किया है ऐसे जज़्बातों को जब कोई यह संवाद बोले कहने को भले ही संवाद है मगर कई बार ज़िंदगी कि हकीकत बन जाया करता है। कुछ ज्यासा कह दिया हो मैंने तो क्षमा प्रार्थी हूँ।
    "थपड़ से डर नहीं लगता साहब प्यार से डर लगता है":-)

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  33. पैसों का इंतजाम होना मुश्किल है
    बहुत मुश्किल नहीं
    खासकर उनके लिए
    जो ज़िन्दगी से समझौता करते आए हैं
    और ठोकरें खाकर भी
    प्यार को महत्वपूर्ण मानते हैं .....

    पूरी कविता ही जिंदगी का निचोड़ है दी !

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