अक्सर सुना है .... मेरे बेटे को फंसा लिया !!!
अरे कभी तो कहो - या कहने दो - बेटी को फंसा लिया !
बेटा न हुआ - जैसे चूहा !
और किसी की बेटी - चूहेदानी ...
!!!!!!!!!!!!
अरे रिश्ता बनाना ही है
बनना ही है
तो बिना कमर कसे बनाओ न
हिकारत के शब्द कहने ज़रूरी हैं क्या !
.....
पूरी ज़िन्दगी उन शब्दों के दलदल में डगमगाती है ...
हर बार नए सिरे से सर उठाती है
और बेवजह लानत मलामत कर
आंसू बहाती है .
प्यार होना था - हो गया
फिर कौन फंसाया
कौन फंसा की कैसी माया !
खामखाह प्यार करनेवालों के बीच
एक बीज जंग का क्यूँ ????????
खाते-पीते , उठते - बैठते तकरार
तुम्हारी माँ ने मेरी माँ को ऐसा कहा !
हाँ तो तुम्हारी माँ भी बोली थीं !
ऐसी बोली मेरी माँ की नहीं .......
तुम्हारे पापा , मेरे पापा
......
बाप रे बाप !!!
ऐसे में बिना फंसाए पूरी ज़िन्दगी फंस जाती है
और गीत बजता है -
क्या यही प्यार है !
और फिर कलह -
तुम तो रहने ही दो
ड्रामा बन्द करो
जो गीत मुझे बजाना चाहिए
वो तुम बजा रहे/रही !
तौबा तौबा ------ प्यार को प्यार ही रहने दो
चूहेदानी न बनाओ !
प्यार में तकरार कैसी
जवाब देंहटाएंbilkul aaj kal jo ho raha h usko aap le aayi rachna me.......
जवाब देंहटाएंये प्यार क्या होता है जी ? क्या होता है प्यार ! :)
जवाब देंहटाएंये प्यार क्या होता है जी ? क्या होता है प्यार ! :)
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंकोई समझे तब न.............
सादर
प्यार में तकरार नहीं होती बल्कि जब प्यार पर अहम् हावी हो जाता है तो फिर ऐसी चीजें सामने आने लगती हें , नहीं तो प्यार एक दूसरे के प्रति सहृदय होने का नाम है.
जवाब देंहटाएंबेटा न हुआ - जैसे चूहा !
जवाब देंहटाएंऔर किसी की बेटी - चूहेदानी ...
करारा व्यंग्य...
पर क्या करें....आज के दौर का सच तो यही है
सही कहा आपने ...
जवाब देंहटाएंप्यार को भी ताज़ी बयार मिलनी चाहिए...!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा हकीकत है ये ...
जवाब देंहटाएंएकदम परफेक्ट दृश्य खिंचा है आपने...
बहुत बेहतरीन रचना....
:-)
बेटा न हुआ - जैसे चूहा !
जवाब देंहटाएंऔर किसी की बेटी - चूहेदानी ...
वाह-वाह क्या बात है .... :D
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तुम्हारी माँ ने मेरी माँ को ऐसा कहा !
हाँ तो तुम्हारी माँ भी बोली थीं !
ऐसी बोली मेरी माँ की नहीं .......
तुम्हारे पापा , मेरे पापा
केवल love - marriage में ही नहीं ये बातें तो arrange - marriage में भी सुनाई दे जाता है ....
बाप रे बाप !!!
जवाब देंहटाएंऐसे में बिना फंसाए पूरी ज़िन्दगी फंस जाती है
और गीत बजता है -
क्या यही प्यार है !
....आज के हालात का बहुत सटीक चित्रण....
सही है जब प्यार हो ही गया हो तो जंग का बीज क्यों बोना, बेहतर है प्यार को प्यार ही रहने देना...
जवाब देंहटाएंप्यार को प्यार ही रहने दो इल्जाम न दो,,,,,,
जवाब देंहटाएंसटीक प्रस्तुति,,,,
बहुत अलग सी पोस्ट है यह.. संदेश अच्छा है.. उम्मीद है लोग सुन रहे हैं
जवाब देंहटाएंबेटा न हुआ - जैसे चूहा !
जवाब देंहटाएंऔर किसी की बेटी - चूहेदानी ...
:):):):):)
बेटे को इतना बेवकूफ़ क्यों बनाया कि वह फँस गया,
अब प्यारी सी चूहेदानी में फँस कर वह खुश है तो तकलीफ़ कैसी...किसी न किसी चूहेदानी में तो रहना ही है नः)
सच कहा ....चूहेदानी न बनाओ....
जवाब देंहटाएंबड़े धोखे हैं इस राह में...अति सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंतौबा तौबा ...
जवाब देंहटाएंमगर कभी- कभी इन तकरारों में बेशुमार प्यार भी छिपा होता है , भीतर की सारी कटु भावनाएं निकल जाती है और फिर सब कुछ निर्मल :)
सच है, स्वीकार और समर्पण के बाद दोषारोपण कैसा..
जवाब देंहटाएंकोई नाम न दो, जहां नाम दिया नहीं की सत्यानाश, फंसा लिया तो जैसे चुहेदानी न होकर शेरदानी हो.....लानत हो...
जवाब देंहटाएंदिल के करीब से गुजर गई..
सादर
अरे रिश्ता बनाना ही है
जवाब देंहटाएंबनना ही है
तो बिना कमर कसे बनाओ न
हिकारत के शब्द कहने ज़रूरी हैं क्या !
बिल्कुल सच कहा आपने ... सहज सरल शब्दों में हकी़कत बयां करती पोस्ट ... आभार
बाप रे बाप !!!
जवाब देंहटाएंऐसे में बिना फंसाए पूरी ज़िन्दगी फंस जाती है
और गीत बजता है -
क्या यही प्यार है !
लिखने का अंदाज़ भा गया :):)
वो दिल जो प्यार करेगा :-))
जवाब देंहटाएंकल 11/07/2012 को आपकी किसी एक पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
जवाब देंहटाएंआपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
'' अहा ! क्या तो बारिश है !! ''
सही है फिर तो बजाए इस गाने के की" क्या यही प्यार है" यह गाना बजना चाहिए "ये प्यार-प्यार क्या इंकार यार क्या है ये जीत हर क्या है बता" ..... :)
जवाब देंहटाएंप्यार तो प्यार होता है इसमें फंसाना या फंसना क्या ...एक अलग तरह का अहसास..खूब लिखा..रश्मि जी ..क्याबात है..
जवाब देंहटाएंसही कहा है पर प्यार को प्यार तक कौन रहने देता है .. इलज़ाम लगाते रहते हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक खाका खींचा है आपने :)
जवाब देंहटाएंमुस्कराहट बिखेर दी आपकी रचना ने ........हाँ कुछ ऐसा ही तो होता है ...बहुत सही .....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा संदेश - प्यार को प्यार ही रहने दो !
जवाब देंहटाएंसहजता और रोचकता से महत्त्वपूर्ण सन्देश देती रचना दी... :)))
जवाब देंहटाएंसादर बधाई.
is abhiwayakti ke sath sari kavitayen acchi hai ..rashmi jee.
जवाब देंहटाएंअक्सर सुना है .... मेरे बेटे को फंसा लिया !!!
जवाब देंहटाएंअरे कभी तो कहो - या कहने दो - बेटी को फंसा लिया !
बेटा न हुआ - जैसे चूहा !
और किसी की बेटी - चूहेदानी ...
!!!!!!!!!!!!
haahhahahaah......ekdum mst!!!
chuha fanse ya chuhiya, shuruaat koi na koi to karta hai....vaise dono "gunahgaar" hain... :) :) :)
pyaar karne se pahle hi adchane itni ki ..mujhe to lagta hai dar me koi pyaar kar bhi paayaa hai ya nahi is duniyaan me .nice
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