पूछते हो - ख्वाब क्यूँ ?
ख्वाब ही तो संजीवनी हैं
जब भूख लगती है
और खाने को कुछ नहीं होता
तो ये ख्वाब रोटी बन जाते हैं
सुनाते हैं लोरियां परियों की
जो दे जाती हैं सुनहरी भोर कुछ कर दिखाने की !
ख्वाब आकाश को धरती पर ले आते हैं
चाँद से होती है गुफ्तगू
सितारे हथेलियों में छुप जाते हैं
देती हूँ आकाश को पानी
लेती हूँ आकाश से आशीष
पानी के एवज में एक मीठी नदी का
ख्वाब से ही तो नदी निकलती है
कह सकते हो इन ख़्वाबों को शिव की जटा
शिव का त्रिनेत्र
पार्वती का तप
राधा का समर्पण
कृष्ण की बांसुरी
सिद्धार्थ का निर्वाण ........ सब तुम्हारे हाथ में है
जो ये ख्वाब हैं !
ख्वाब ही शोध है
इतिहास है
इमारत से खंडहर
और खंडहर से इमारत है
बिना ख्वाब के तो चाय नहीं बनती
चिन्नी डालो
दूध डालो
पत्ती डालो
अदरक, इलायची , मसाले .....
एक चुटकी ख्वाब नहीं
तो चाय बड़ी फीकी होती है !
ख्वाब ही आजादी की निष्ठा देते हैं
इकबाल को कहते हैं -
' ज़रा नम हो तो यह मिट्टी बड़ी ज़रखेज़ है साकी '
ख्वाब ही न हो तो न कवि
न कहानीकार
न व्यंग्यकार ........ कुछ भी नहीं
ये ख्वाब ही तो आदम और हव्वा हैं
श्रद्धा और मनु हैं
धर्म के नाश के साथ
ये ख्वाब ही अवतार हैं
अब तुम कहो - ख्वाब के बिना जीवन क्या ?
ख्वाब ही तो संजीवनी हैं
जवाब देंहटाएंख्वाब आकाश को धरती पर ले आते हैं
अक्षरश: सच कहा है आपने गहन भाव लिए लाजवाब करती अभिव्यक्ति ... आभार
कल 18/07/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
'' ख्वाब क्यों ???...कविताओं में जवाब तलाशता एक सवाल''
"ख्वाब ही तो संजीवनी हैं
जवाब देंहटाएंजब भूख लगती है
और खाने को कुछ नहीं होता
तो ये ख्वाब रोटी बन जाते हैं
सुनाते हैं लोरियां परियों की
जो दे जाती हैं सुनहरी भोर कुछ कर दिखाने की " पर फिर भी पेट की आग नहीं बुझती केवल ख्याव से ......
अच्छी रचना के लिए आभार .
बिल्कुल सही
जवाब देंहटाएंसपने ना हों तो जीने का मकसद ही अधूरा है
कमाल हो गया एक ही दिन दोनो ने एक ही शीर्षक से पोस्ट लगा दी है :)
जवाब देंहटाएंख्वाब ही शोध है
जवाब देंहटाएंइतिहास है
इमारत से खंडहर
और खंडहर से इमारत है
बिना ख्वाब के तो चाय नहीं बनती
चिन्नी डालो
दूध डालो
पत्ती डालो
अदरक, इलायची , मसाले .....
एक चुटकी ख्वाब नहीं
तो चाय बड़ी फीकी होती है !..bahut khub
सच है ख्वाब ही जीवन को गति देता है..बहुत सार्थक
जवाब देंहटाएंख्वाब संबल हैं , ख्वाब जीवन हैं. ख्वाब ही सबकुछ.
जवाब देंहटाएंख्वाब या विचार का ही फैलाव है संसार.....सुन्दर पोस्ट।
जवाब देंहटाएंख्वाब ना हो तो कवि तो हो ही नहीं सकता ....
जवाब देंहटाएंएकदम सच्ची !
सच है ... ख्वाब के बिना कैसा जीवन ... रेत में पानी की काना न होना ... कैसे चलेगा ..
जवाब देंहटाएंएक चुटकी ख्वाब नहीं
जवाब देंहटाएंतो चाय बड़ी फीकी होती है !
सच कहा .....सुंदर चिंतन !
sapne jaruri hai ,
ख़्वाबों का संजीवनी सबको आनंद दे रहा है..
जवाब देंहटाएंख्वाब तो जीने की वजह है......
जवाब देंहटाएंरातों की नींद की सार्थकता है ख्वाब.....
इनके बिना सोना और जीना दोनों बेकार..........
सादर
अनु
कितना सुन्दर सोच लेती हैं आप. एक ख्वाब ही तो वो जगह है जहाँ हमारी मनमानी चल सकती है. मैं तो सब उल्टा कर देती हूँ वहां, आकाश में चलती हूँ बहुत अच्छा लगता है. सचमुच ख्वाब हैं तो जीवन है. ख्वाब न हो तो कुछ भी नहीं...
जवाब देंहटाएंलाजवाब .....बहुत सुंदर ....
जवाब देंहटाएंजब दिल होता है बेताब
जवाब देंहटाएंतो देता है सहारा खाब
इसके बिना जीवन में गति नहीं
इसके बिन जीवन की गति नहीं।
ख़्वाब देखे बिना,जीवन लगे अधूरा
जवाब देंहटाएंमंजिलें मिलती,ख़्वाब हो जाता पूरा,,,,,
भावमय बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
सच कहा आपने ख्याब के बिना ये जिंदगी अधूरी हैं ....
जवाब देंहटाएंख्वाब जरूरी होते है ..
जवाब देंहटाएंएक नजर समग्र गत्यात्मक ज्योतिष पर भी डालें
ख्वाब!! वाह...
जवाब देंहटाएंकुछ पल हकीकत से दूर...खूबसूरत एहसास !!!
सुंदर अति मनभावन
जवाब देंहटाएंख्वाओं की बहुत ही सुन्दर व्याख्या ....सच में ख्वाब कितने ज़रूरी हैं .......शायद यही दुनिया की धुरी हैं ....
जवाब देंहटाएंख्वाब ही हमारे स्थूल जीवन में चेतना का कार्य करते हैं।
जवाब देंहटाएंख्वाब एक सुन्दर अहसास दिलाता है..
जवाब देंहटाएंख्वाब विचारों का आकाश है..
जो बहुत विस्तारी है और ऐसे खुले आकाश में विचरण करना.बहुत सुखदायक होता है ..बहुत सुन्दर बेहतरीन रचना..
khowaab dekhna zaroori hai.....
जवाब देंहटाएंजो सामने है वो तो है ही पर जो नहीं है उसकी ही ख़्वाहिश रहती है और उसको पाने का ही ख्वाब ... सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंek ek shabd ekdum sateek..khwaab hi to zindagi hain....bauhat acche nazm h!!
जवाब देंहटाएंज़रा नम हो तो यह मिट्टी बड़ी ज़रखेज़ है साकी '
जवाब देंहटाएंख्वाब ही न हो तो न कवि
न कहानीकार
न व्यंग्यकार ........ कुछ भी नहीं
.... सुंदर प्रस्तुति
ये ख्वाब ही ना हों तो शायद जीना भी दुरूह हो जाये..सदैव की तरह एक उत्कृष्ट प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंएक चुटकी ख्वाब नहीं
जवाब देंहटाएंतो चाय बड़ी फीकी होती है ! bahut khoob! bade din ke baad blogs pad rahi hoon… par aapki rachnayen sabse alag hoti hain, mano ishwar ke sandesh jaisi… saadar
ख्वाब ही तो संजीवनी हैं
जवाब देंहटाएंसच में ख्वाब ही तो पुल बनाते हैं , खाई पाटते हैं असंभव और संभव के बीच की !
बेहद प्रेरक रचना. शुभकामनायें.
सच कहा. बहुत अहम हैं ख्वाब जिंदगी में
जवाब देंहटाएंख्वाब ही तो वो बीज हैं जो हकीकत का पौधा बनेंगे । सुंदर ।
जवाब देंहटाएंआपने भी क्या खूब ,ये पंक्तियां पढवाई हैं ,
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्दों का चयन , संयोजन कर के लाई हैं ,
दिल से निकली ,रचना ये मन को हमारे भाई है ..
बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
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इकबाल को कहते हैं -
जवाब देंहटाएं' ज़रा नम हो तो यह मिट्टी बड़ी ज़रखेज़ है साकी '
ख्वाब ही न हो तो न कवि
न कहानीकार
न व्यंग्यकार ........ कुछ भी नहीं
ये ख्वाब ही तो आदम और हव्वा हैं
श्रद्धा और मनु हैं
धर्म के नाश के साथ
ये ख्वाब ही अवतार हैं
bahut sahi kaha.......khwab hai, kalpna hai to hi jeevan hai....!
ख्वाब के बिना जिन्दगी कुछ भी नहीं
जवाब देंहटाएंख्वाब टूटते ही जिन्दगी मौत बन जाती है