17 अगस्त, 2008

एक सपना,एक मुस्कान.......


मेरे पास सपने हैं,
खरीदोगे?
आसमानी , रूमानी , ख्याली.....
कीमत तो है कुछ अधिक ,
पर कोई सपने बेमानी नहीं.......
जो भी लो-हकीकत बनेंगे,
शक की गुंजाइश नहीं!
.....कीमत है - एक मुस्कान,
सच्ची मुस्कान,
झरने-सी खिलखिलाती,
हवाओं - सी गुनगुनाती,
बादलों- सी इठलाती.......
आज की भागमभाग में
इसी की ज़रूरत है !
तुम एक सपना लो-
और मेरे पास एक मुस्कान दे जाओ,
.......
इनसे ही मेरे घर का चूल्हा जलता है!

24 टिप्‍पणियां:

  1. bahut achee kavita bahut sundar

    mere sahdb agar ankhon men sapne saja saken
    ham itminan se ghar ak choolha jala saken

    Anil

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  2. छायावादी कवि पंत की मानस पुत्री होने का आपको सौभाग्य मिला, यह बड़े गर्व की बात है। उन्होंने ही कहा था कि एक नहीं दो-दो मात्राएं नर से भारी नारी। आपके लिखा कि मेरे पास सपने हैं क्या खरीदोगे, यदि आपके पास सपने अधिक है तो अवश्य ही खरीद लूंगा
    धन्यवाद,
    भूपेन्द्र सिंह

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  3. BAHOT SUNDER HAIN KI SAPANO AUR MUSKAN KA EETAN AACHCHA PYARA SUADA HAIN.
    MUJE KHUSHI HUYEE PADHER.
    DHER SARI BADHAYEE HO.

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  4. swapno ke keemat muskan hai ya pratifal. Par ek muskan ke badle ek sapna, mahnga sauda nahi hai.

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  5. excellent mam......आपने जो हकीकत और सपने की बात कही,एक मुस्कान देकर एक सपना ले जाने की बात कही और ये सपने हकीकत मे भी बदल जायेंगे कुछ ऐसा भी आपने कहा, ये सच्ची मुस्कान ही आपको जिंदगी जीने मे सहायता करती है..........तो फिर मै आपको अपनी सारी सच्ची मुस्कान देता हूँ,आपसे बिना कोई सपना लिए क्योंकि........
    " एक तू ही हकीकत है मेरे लिए ,बाकी सब अफसाना है
    एक बार जो आपने मुझे अपना कहा, पूरी हो गयी दिल की हर तमन्ना है!
    एक तू ही हकीकत है मेरे लिए , बाकी सब अफसाना है "...........
    फिर भी अगर मै आपसे कोई सपना लिया भी तो,उसके हकीकत बनने पर , हकीकत मे आप ही नजर आएगी........

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  6. अच्‍छा लगा भावनाओं का यह मंदिर। इससे पहले वाली कविता भी पढ़ी। आपकी संवेदनशीलता इंसानियत की अच्‍छाइयों का बढ़ावा देनेवाली है। आभार।

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  7. sach me kaash aise sapne bikte hote to hum her keemat per muskura dete!!
    bahut sunder..
    Abha

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  8. मेरे पास सपने हैं,
    खरीदोगे?
    आसमानी , रूमानी , ख्याली.....
    कीमत तो है कुछ अधिक ,
    पर कोई सपने बेमानी नहीं.......
    जी सपने सच होंगे यह सच हैं मैं इन्हे खरीदना चाहता हूँ .....आप जैसे व्यक्तितव से खरीदना एक सपने का सच होना है ...जिस कलम के सपने है वो कलम आज इतनी रंगीन होगी मालुम पढ़ा ..आप को परनाम

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  9. SAPNE KHAREEDNA....KITNA MASOOM S AKHYAAL HAI..PAR KAsh ye sach ho pata...
    acha likha hai

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  10. तुम एक सपना लो-
    और मेरे पास एक मुस्कान दे जाओ,
    .......
    इनसे ही मेरे घर का चूल्हा जलता है!

    sach kahaa aapne...ati-sundar...
    sapne bhejiye to sahee...main muskaan aapko avashy dungee....ha ha .....

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  11. रशिम जी,
    तुम एक सपना लो-
    और मेरे पास एक मुस्कान दे जाओ,
    बहुत ही गहरी बात हे आप की इस कविता मे, बहुत ही भाव पुर्वक आप की इस सच्ची मुस्कान के लिये धन्यवाद

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  12. तुम एक सपना लो-
    और मेरे पास एक मुस्कान दे जाओ,
    .......
    इनसे ही मेरे घर का चूल्हा जलता है!

    कुछ कहने को नहीं नहीं है, बस ....

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  13. बहुत ही सुंदर बहुत ही अच्छी और सच्ची कविता।
    कोई भी अनायास ही कह देगा लेलो मेरी मुस्कान, सच्ची मुस्कान चाहे सपना दो या ना दो।

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  14. bahut sundar,
    aaj ki bahgam-bhag zindagi men aapne apane sapane ki kimat bhi khoob lagai hai....Ek Muskaan.
    aap sapane ke badale ek muskan le nahi rahin hain balki usake chehare par dekhna chahti hain.
    bahut sundar soch hai,
    meri badhai sweekar karen

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  15. मुस्कान के बदले सपनो को पूरा करने का वादा कुछ नया लगा ...
    नही तो क्या व्यापारी, क्या अधिकारी या नेता, सभी सपने दिखा कर चैन-ओ-सुकून लूटे है आजकल...

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  16. Khubsurat

    Wase Hansi bahut mahangi ho rakhi hai is duniya me. Ek nischchal hansi ke badle me sirf ek Sapna !

    Sauda barabar ka nahi lagta, iis kimat par kam se kam do char sapne to dene hi chahiye, anyatha bahut kam kharidar milenge :)

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  17. bahut hi sundar kavita..aaj appke vishay me padhh rahi thi..achha laga.

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  18. सपनो को खरीदने बेचने की ये तकनीक सर आँखों पर |बरसों बाद किसी ऐसे को पढ़ा मैंने ,जिसकी कविता ,सबकी कविता है |नहीं तो खुद को लिखते खुद को ही पढ़ते ही मिलते हैं लोग |रश्मि दीदी तुम्हे इस इमानदारी के लिए शत शत नमन |भाषाई अतिरंजिता से खुद को हमेशा दूर रखना-शब्दों की pandulupi मे से ऐसे ही शब्दों को चुनना जैसे तुम चुनती आई हो ,सब देख सके तुम्हारी आँखों के सपने |शुभकामनाओं सहित

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  19. तुम एक सपना लो-
    और मेरे पास एक मुस्कान दे जाओ,
    .......
    इनसे ही मेरे घर का चूल्हा जलता है!

    कोई सोच भी सकता है ऐसा ऐसी कल्पना कोई कर सकता है शायद आपके सिवा कोई नहीं आपकी हैं जो सपनो को एक सुन्दर रूप देती हैं

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