लिखनेवाले
एहसासों का बिछौना
एहसासों का सिरहाना
एहसासों का गिलाफ रखते हैं
साइड टेबल पर जो पानी रखा होता है
वह भी एहसासों से भरा होता है
.......
एहसासों के पैबंद
उनके पैरों की गति बन जाते हैं
पैबंद सदृश्य सराहनीय शब्द
उनका हौसला बन जाते हैं
धरती आकाश से वंचित होकर भी
उनके होने के एहसास से
वे इन्द्रधनुष का निर्माण कर लेते हैं
......
भावों का इन्द्रधनुष बारिश की प्रतीक्षा नहीं करता
शब्द ही सागर
शब्द ही मंथन
शब्द ही मौसम
शब्द ही गुबार
शब्द ही निस्तार
शब्द शब्द भावों की कस्तूरी लिए चलता है
लिखनेवाले को मरीचिका में भी
क्षितिज का आधार मिलता है
.......
सोचो - कोई यूँ ही नहीं लिखता है
जब भाव गागर छलकने लगे ...तब......
जवाब देंहटाएंभावों का इन्द्रधनुष बारिश की प्रतीक्षा नहीं करता
शब्द ही सागर
शब्द ही मंथन
शब्द ही मौसम
शब्द ही गुबार
शब्द ही निस्तार
शब्द शब्द भावों की कस्तूरी लिए चलता है
लिखनेवाले को मरीचिका में भी
क्षितिज का आधार मिलता है
.......
सोचो - कोई यूँ ही नहीं लिखता है
बहुत सुंदर लिखा है ...
सुन्दर ,यह भी देखने और समझने का एक नया अंदाज है !
जवाब देंहटाएंसोचो - कोई यूँ ही नहीं लिखता है
जवाब देंहटाएंसच कहा दी....कोई यूँ ही नहीं लिखता..
बहुत सुन्दर..
सादर.
एहसास को महसूस कर शब्दों के रूप में मोती लुटा दिए जाते हैं .. सच कोई यूँ ही नहीं लिखता ...बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंदीदी,
जवाब देंहटाएंआपने तो किसी भी साहित्यिक सर्जना की मिट्टी में दबे बीज को व्याख्यायित कर दिया है.. सचमुच जब एहसास के बीज, दिल-दिमाग की मिट्टी में अंकुरित होते हैं, तो शब्द के पौधे जन्मते हैं और तब जाकर रची जाती है एक कविता. सच कहा दीदी, कोई यूं ही नहीं लिखता!!
लिखनेवाले को मरीचिका में भी
जवाब देंहटाएंक्षितिज का आधार मिलता है
.......
सोचो - कोई यूँ ही नहीं लिखता है
सहीकहा ……
लिखने वाला तो
शब्दों को ही
ओढता बिछाता है
शब्दों मे ही
काल्पनिकता को
यथार्थ के धरातल
पर लाता है
और फिर वापस
उसे वहीं पहुँचा देता है
ये कमाल तो सिर्फ़
लिखने वाला ही
कर सकता है
शायद इसीलिये
वो लिखता है क्योंकि
उसका मानसिक सुकून तो
उसके शब्दों मे ही होता है
बस यही कह सकती हूँ।
लिखने वालो के लिए शब्दों और भावनाएं ही सब कुछ हो जाती हैं ...ये आपसे ही सीखा हैं रश्मि दीदी
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही और सत्य सोचा , अक्षरश: सत्य और सुन्दर..
जवाब देंहटाएंसोचो - कोई यूँ ही नहीं लिखता है
जवाब देंहटाएंयह एक पंक्ति इस रचना की जान जैसे ... जहां कुछ कहना शेष नहीं रहता ... आभार
साइड टेबल पर जो पानी रखा होता है
जवाब देंहटाएंवह भी एहसासों से भरा होता है
बेहतरीन पंक्तियाँ दीदी ... मन को छुं गई ...
सही कहा है आपने..सुन्दर शब्द संचय..
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.in
कुछ लोग यूँ ही भी लिखते हैं दी :).
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है.
एहसासों के पैबंद ,
जवाब देंहटाएंउनके पैरों की गति बन जाते हैं ,
पैबंद सदृश्य सराहनीय शब्द ,
उनका हौसला बन जाते हैं ,
धरती आकाश से वंचित होकर भी ,
उनके होने के एहसास से ,
वे इन्द्रधनुष का निर्माण कर लेते हैं.... !!
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आपके शब्द.... ! दूसरों के एहसासों को भी ,
इन्द्रधनुष का निर्माण करने में ,
हौसला बन जाते हैं.... !! आभार.... !
सही कहा आपने कोई यूँ ही लिखता है.... जो इन्हें महसूस करता है.. उन शब्दों को जीता है... वही लिखता है.....
जवाब देंहटाएंशब्द ही सागर
जवाब देंहटाएंशब्द ही मंथन
शब्द ही मौसम
शब्द ही गुबार
शब्द ही निस्तार
सब कुछ दिया आपने..... बहुत ही बढ़िया
एक राह है, चलती जाती..
जवाब देंहटाएंशत प्रतिशत सहमत आपसे ....
जवाब देंहटाएंshabd mein samaaye saaraa sansaar
जवाब देंहटाएंआपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार ११-२-२०१२ को। कृपया पधारें और अपने अनमोल विचार ज़रूर दें।
जवाब देंहटाएंइन एहसासों का ही सहारा है......
जवाब देंहटाएंशब्द-शब्द अपने आप में सागर
जवाब देंहटाएंको समैंटे है अपने मन में। कुछ
सोचने को बाध्य करती है
आपकी ये रचना।
अति सुन्दर।
धन्यवाद।
आनन्द विश्वास
शब्द शब्द भावों की कस्तूरी लिए चलता है
जवाब देंहटाएंलिखनेवाले को मरीचिका में भी
क्षितिज का आधार मिलता है
सच कहा आपने
शब्द शब्द ने कहे इस कविता का सार
जवाब देंहटाएंमरीचिका में भी मिल जाता कविता को आधार
"भावों का इन्द्रधनुष बारिश की प्रतीक्षा नहीं करता "
जवाब देंहटाएंबिलकुल सटीक बात कही आंटी।
सादर
जो मन में आया कागज में शब्दों का आकार दे दिया....
जवाब देंहटाएंसुंदर भावपूर्ण रचना।
सही है। कोई यूँ ही नहीं लिखता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंघूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच ।
लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर की जाएगी!
सूचनार्थ!
सही कहा रश्मि जी आपने.जो शब्दो में जीता है वही लिखता सकता है ...बहुत सुन्दर भाव...आभार..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन,बधाई.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें.
अहसास करने की क्षमता ..भावों को शब्द दे देती है...
जवाब देंहटाएंसुन्दर मनोहर भाव वेळ .
जवाब देंहटाएंभावों का इन्द्रधनुष बारिश की प्रतीक्षा नहीं करता ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना दी...
सादर.
बेहतरीन भावाभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएं