23 अगस्त, 2008

कौन भूलेगा???????


इक्कट -दुक्कट खेलने में
घुटने दुखते हैं !
हाँ भाई ,
उम्र हुई,
पर इतनी भी नहीं
कि,रुमाल चोर नहीं खेल सकते !
अरे टीम बन जाए
तो क्रिकेट का बल्ला
आज भी घुमा सकते हैं !
पर एक पल के लिए भी
बचपन को नहीं भूलेंगे.............
बचपन का मैदान बहुत बड़ा होता है,
एक चौकलेट की जीत भी
आखों में चमक भर जाती है !
ऐसे बचपन को,
ऐसी मासूमियत को,
ऐसी छोटी-छोटी जीत को
भला कौन भूलना चाहेगा !

22 टिप्‍पणियां:

  1. bachpan ki yaadey dila di aapne rumaal ka rakhna aur khelna ...yah sab aaj kahan ..sach ek baar phir khub

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  2. एक चौकलेट की जीत भी
    आखों में चमक भर जाती है !

    kitani sahjta se aapne bachpan ki yaad dila di hai.aur sach hi hum apane zamaane men chocolate ki hi shart rakha karte thai.
    bahut sundar abhivyakti.saadar

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  3. बचपन का मैदान बहुत बड़ा होता है,
    एक चौकलेट की जीत भी
    आखों में चमक भर जाती है !
    haan sach kaha...bahut sunder.
    anita...

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  4. man men vichar aana alag baat hai lekin salike se un vicharon ko rachana ka roop dena badi baat hai. chhoti magar achhi rachana.

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  5. बचपन का मैदान बहुत बड़ा होता है,
    एक चौकलेट की जीत भी
    आखों में चमक भर जाती है !"

    बहुत ही सटीक पंक्तियाँ है ...

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  6. बहुत अच्छा । जन्माष्टमी की बहqत बहुत शुभकामनाएं।

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  7. आज आप ने बचपन याद दिला दिया,
    बहुत धन्यवाद,
    आज मे बाहर गया था , अभी रात को वापिस आया, आप सब को जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई।

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  8. Khubsuarat kavita, wakai bachpan ki yaade bhulna sahaj nahi, aur yesa koyi chahega bhi nahi.

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  9. बहुत सुन्दर लिखा .....
    बचपन का मैदान ... सोच को लिखी में बदलने की कला
    आप में पूरी है वंशानुगत है .....

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  10. me bachpan hun bachapan mujhme hai
    kya karun ye juda hotaa nahi
    par khel bhi door rahe hamesha
    naa jane kyun bhachan me bhi jayada khela na gya

    acha laga apka bachna ko yun ukerana

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  11. Sach mai bachpan ko jis sahajata se apne apni kavita mai jiya hum apke kayal ho gaye
    Wah Wah.....

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  12. bachpan bhoolaa naheen jaa sakta....khare jal men vahee tho sarita bankar bahta hai.....

    bahut achchhe.....

    shubh-kamnaen....

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  13. रश्मि जी बहुत ही अच्छी कविता है...बचपन याद आ गया ...बचपन कि हर जीत याद गई ....बधाई स्वीकारें !

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  14. वो है न दीदी 'बच्चों के छोटे हाथों मे चाँद सितारे रहने दो,पढ़ लिखकर वो भी एक दिन हम जैसे हो जायेंगे
    तनहा तनहा दुख झेलेंगे महफिल महफिल गायेंगे |
    कहने का मतलब ये,बचपन ko हमेशा जिन्दा रखें ,अच्छी रचना के लिए बधाई |

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  15. बचपन का बहुत ही जीवंत चित्र खीचा है आप ने. बधाई हो...

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  16. बचपन का मैदान बहुत बड़ा होता है,
    एक चौकलेट की जीत भी
    आखों में चमक भर जाती है !

    सही कहा आपने बचपन को कौन भूल सकता है भला

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  17. रश्मि जी , आपने बचपन के दिनों की याद दिला दी,,कांश वो बचपन के दीन वापस आ जाए...जब दोस्तों के साथ बिलकुल बेफिक्र हो कर घूमते थे, छोटी छोटी बातो पर रुठते थे,,सचमुच आपने एक प्यारी सी कविता सामने रख कर उन सब बातों की यादें दिला दी है..
    आपको हार्दिक साधुवाद ,

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  18. aisa laga,
    bachpan apne apne ehsaason ke sang paas aa gaya,
    aap sab ko dhanyawaad,
    bachpan ke maidaan me chokolate ke liye aane ke liye......

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  19. बहुत सुन्दर बचपन भगवान् से यही बिनती है हर किसी का बचपन ऐसा ही हो........
    bahut sundar koi nahi bhool sakta

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