नाव तो मैंने कितनी सारी बनाई थीं
कागज की ही सही ....
तुम चेहरे पर कितनी भी शून्यता लाओ
पर तुम इस सत्य से परे नहीं !
तभी तो
हर करवट पे
तुमको मैं दिखाई देती हूँ
तुम चाहते हो खींचना
कुछ लकीरें मेरे चेहरे पर
ताकि एक भी नाव में सुराख हो
तो तुम सर पटक सको
चिल्ला सको ....
तुम्हें आदत हो गई है
संकरी गुफाओं के अंधेरों से गुजरने की
प्रकाशमय ज़िन्दगी तुम चाहते तो हो
पर आदतें !
और सच यह भी है -
कि तुम मेरी हर नाव को
अपने सबसे प्रिय संदूक में रखते हो
सहेज सहेज कर
पर .... !
मुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
हाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे
और ........
एक नाव तुम बनाओ लकड़ी की
और उसमें ढेर सारी चाँदनी
ढेर सारी बातें
ढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!
ह्रदय से ह्रदय तक यात्रा कर रहें हैं आपके भाव ...बहुत ही सुंदर ...शब्दों को इतना कोमल स्पर्श दिया है , नज़रिया ही बदल दिया है जीवन को देखने का .......
जवाब देंहटाएंबधाई ऐसी सोच के लिए और आभार हमसे बांटने के लिए ...
मुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे"
बहुत सुंदर शब्द ..जितना पड़ो मन नही भरता
कोमल किंतु व्यावहारिक भावों ने सचमुच नि:शब्द कर दिया.स्वप्न और यथार्थ का अद्भुत संतुलन.
जवाब देंहटाएंफुरसत निकाल कागज की नाव ही बना लें,
आज फिर शरारती सावन की याद आती है.
कोमल भावों को करीने से सहेजा है।
जवाब देंहटाएंजीवन भी एक नाव है, पर उसमें भी हमें कितनी और नावों की जरूरत होती है।
जवाब देंहटाएंkomal ahsaason aur dil ke jajbaaton ka achcha chitran.bahut sunder.
जवाब देंहटाएंरश्मि दी ......आपके मन के भाव पढना हमेशा से ही अच्छा लगा है ........आज यहाँ मन के भाव और सपनो का समावेश बहुत खूबसूरत लगा ......आभार
जवाब देंहटाएंbahut sundar.. take care
जवाब देंहटाएंढेर सारी बातें
जवाब देंहटाएंढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!
भावमय करते शब्दों के साथ ...यह ख्याल सुकून देता है मन को ...
नाव में सूरज ..जो ज़िंदगी के अँधेरे को खत्म करे ..अद्भुत कल्पना .. सुन्दर और भावमयी रचना
जवाब देंहटाएंमुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
....यही अहसास प्रेरणा देता है।
उत्तम भावों को अभिव्यक्त करती सुंदर कविता।
... Its so beautiful and touching maa !
जवाब देंहटाएंदिल को छू गई..आप की अभिव्यक्ति...सुन्दर ..आभार..
जवाब देंहटाएंएक नाव तुम बनाओ लकड़ी की
जवाब देंहटाएंऔर उसमें ढेर सारी चाँदनी
ढेर सारी बातें
ढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!
सुन्दर आकांक्षा से परिपूर्ण सुन्दर रचना....
beshak tum nav mat banao..
जवाब देंहटाएंpar mera naam lena to
ek halki muskan aa jaye..
bas....:)
मुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे
और ........
Manbhawan rachna ... Badhai..
और सच यह भी है -
जवाब देंहटाएंकि तुम मेरी हर नाव को
अपने सबसे प्रिय संदूक में रखते हो
सहेज सहेज कर
bahut khoobsurat....mausi...aabhar
कोमल अहसासों की सुन्दर बुनाई.
जवाब देंहटाएंकोमल अहसासों की सुन्दर बुनाई.
जवाब देंहटाएंएक नाव तुम बनाओ लकड़ी की
जवाब देंहटाएंऔर उसमें ढेर सारी चाँदनी
ढेर सारी बातें
ढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!
...कोमल अहसासों से परिपूर्ण बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..बहुत सुन्दर..आभार
आज 15- 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
____________________________________
दिल से निकली हो जैसे एक दुआ ! बहुत सुंदर भावपूर्ण कविता !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भाव...उससे सुन्दर वे शब्द जिनमें इन भावों को पिरोया गया है..सीधे दिल में उतारते हैं ...
जवाब देंहटाएंवाह रश्मि दी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति... मैं तुम्हे हर नाव में एक सूरज दूंगी और तुम ढेर सारी चांदनी, बातें और चिट्ठियाँ कर दो मेरे नाम... वो भी हौले से मुस्कुराकर ...सुन्दर आकांक्षा
जवाब देंहटाएंमुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
मुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
मुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
शायद इस नाव की हर दिल को जरूरत होती है…………बेहद उम्दा और दिल को छूने वाली रचना।
जवाब देंहटाएंदी , इतने कोमल भाव ...इतनी सरलता से .... सादर !
जवाब देंहटाएंनाव कागज की गहरा है पानी , ज़िंदगानी पड़ेगी निभानी । बहुत सुंदर रचना ..
जवाब देंहटाएंआपने बहुत खूबसूरती से भावो को शब्दों में उतारा है आपने..
जवाब देंहटाएंkitni pyari ummede....bhagwan apki in ummedo ko jald hi pura kare.
जवाब देंहटाएंदेखा सपना एक तुम्हारे एक अपने लिए
जवाब देंहटाएंतुम्हारे लिए खुशियाँ और उजाले
मेरे लिए सिर्फ तुम :)
बहुत सुन्दर रचना
एक नाव तुम बनाओ लकड़ी की
जवाब देंहटाएंऔर उसमें ढेर सारी चाँदनी
ढेर सारी बातें
ढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!
वाह!! बहुत ही सुन्दर भाव लिए रचना है दी...
सादर...
आपको पढ़ना हमेशा अच्छा लगता है...शब्द और भाव का रहस्यवाद कभी मन को भाता है तो कभी भटका देता है...
जवाब देंहटाएंजिसने हर सूरज बनी नाव को सहेज सहेज कर रखा...उसका भी उजाले पर कुछ हक बनता है...कागज़ की नाव के बदले लकड़ी नाव...उम्मीद कुछ ज्यादा तो नहीं...
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति है।
जवाब देंहटाएंदिल खुश हो जाता है आपको पढ़कर,
जवाब देंहटाएंसाभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
रश्मिप्रभा जी,
जवाब देंहटाएंकविता ने दिल छुआ बहुत अपनापन था भावों में :-
कि,
तुम्हें आदत हो गई है
संकरी गुफाओं के अंधेरों से गुजरने की
बहुत सुन्दर......
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
ढेर सारी बातें
जवाब देंहटाएंढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!
man moh liya aapne to :)
abhaar
भावों में बेशक प्यार छुपा है किंतु "अधिकार" ने तो अभिव्यक्ति को आसमान से ऊँचा कर दिया.
जवाब देंहटाएंमुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे
और ........
एक नाव तुम बनाओ लकड़ी की
और उसमें ढेर सारी चाँदनी
ढेर सारी बातें
ढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !
bahut achhi lagi ye panktiyan ..rashmi ji
मेरी हर नाव में एक सूरज
जवाब देंहटाएंतुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे...
रश्मि जी, इससे ख़ूबसूरत दुआ और क्या हो सकती है...
दिल को छू गई ये रचना.
rashmimdi
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar ,komal v ghanta liye hue hai aapki rachna---
एक नाव तुम बनाओ लकड़ी की
और उसमें ढेर सारी चाँदनी
ढेर सारी बातें
ढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ
ek vishwash se bhari prabal prastuti tatha itni khoobsurat kalpana ke liye
bahut bahut badhai
sadar naman sahit
poonam
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!wah,kya baat hai.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूब.
जवाब देंहटाएंक्यों न बनाएं हम
पत्थर की नाव
तुम भी डूब जाओ
मैं भी डूब जाऊं.
'हाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
जवाब देंहटाएंतुम्हारे नाम होता है ......'
................कोमल एवं गहन भावों की सुन्दर रचना
आदरणीय रश्मि जी बहुत ही प्यारी रचना -कोमल और मूल भाव बहुत सुन्दर-प्रेम की पराकाष्ठा निम्न पंक्तियाँ प्यारी बधाई हो
जवाब देंहटाएंमुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
हाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर
शुक्ल भ्रमर ५
प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच
आदरणीया रश्मि दीदी
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम !
आप शीघ्र पूर्णतः स्वस्थ हों … परमात्मा से यही प्रार्थना है !
रचना हमेशा की तरह अत्यंत सुंदर !
हार्दिक मंगलकामनाएं और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
मुझे भी कोई शिकायत नहीं ....
जवाब देंहटाएंहाँ मेरी हर नाव में एक सूरज
तुम्हारे नाम होता है
क्योंकि मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ
कि किसी दिन यह सूरज
तुम्हारे हर अँधेरे को ख़त्म कर दे
और ........
एक नाव तुम बनाओ लकड़ी की
और उसमें ढेर सारी चाँदनी
ढेर सारी बातें
ढेर सारी चिट्ठियाँ रख दो
मेरे नाम ,
एक हल्की मुस्कान के साथ !!!
sunder
प्राभावशाली अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएं