13 जुलाई, 2011

क्षणिकाएं



कई बार एक क्षण लम्बी उम्र बन जाते हैं ... दुःख हो या सुख या प्यार या बचपन या .... कोई एक क्षण क्लिक हो जाता है , कुछ इस तरह ...
1-
सिगरेट के धुंए सी ज़िन्दगी
लगता है किसी ने आजमाइश के लिए
एक कश लिया
और उड़ा दिया
गोल गोल बेतरतीब सा ....
======================
2-
पेड़ के नीचे बैठा वह आदमी
शून्य में कुछ देखता है (जाने क्या )
कुछ बोलता है (जाने किससे)
हँसता है जोर से (जाने क्यूँ )
राह चलते लोग कहते हैं -
'पागल है'
कोई नहीं जानना चाहता
उसे दिखता क्या है
वह बोलता क्या है
वह हँसता क्यूँ है ....
यूँ 'पागल' कह देना हल तो नहीं !!!
================================
3-
प्यार करो तो कृष्ण की तरह
मित्रता करो तो कृष्ण की तरह
नफरत करो तो कृष्ण की तरह
किसी को राधा का मान दो
किसी को सुदामा सा साथ
किसी को कंस सी सज़ा
मन को शांत रखो
चेहरे पे मुस्कान
गीता तभी सुना सकोगे ...

42 टिप्‍पणियां:

  1. मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान

    वाह ...बहुत खूब
    इन पंक्तियों ने तो जादू कर दिया ... मुस्‍कान का ।

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  2. वाह तीनो क्षणिकाएं अपने आप में पूर्ण ........आभार रश्मि दीदी

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  3. सभी क्षणिकायें बहुत ही सटीक बहुत सुन्दर.....

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  4. तीनो ही क्षणिकाएं बेहतरीन हैं.. बहुत सुन्दर....

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  5. मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान
    गीता तभी सुना सकोगे

    बहुत सुंदर ...सार्थक क्षणिकाएं....
    आभार...!!

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  6. जिंदगी सिगरेट का धुंवा ...
    बेहतरीन हैं सभी ..

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  7. आपकी क्षणिकायें...तीनों एक से बढ़कर एक

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  8. अद्भुत....पहली वाली खास पसंद आई.

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  9. ज़िन्दगी धुँए के एक कश सी....बेतरतीब सी... तीनों क्षणिकाएँ बढ़िया....

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  10. तीनो ही क्षणिकाएं बेहतरीन हैं....आभार...!!

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  11. मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान
    गीता तभी सुना सकोगे ...

    bahut hi gahan baat keh di aapne Rashmi ji

    abhaar

    Naaz

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  12. 1-क्षणिक नश्वर जिन्दगी।
    2-माया ग्रसित बुद्धि।
    3-कथनी से पहले करनी।
    क्षण मात्र में अद्भुत क्षणों से प्रत्यक्ष करती क्षणिकाएँ!! आभार

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  13. एक से बढ़कर एक बेहतरीन क्षणिकाएं

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  14. तीसरी क्षणिका गहनतम प्रभावित कर गयी।

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  15. यूँ 'पागल' कह देना हल तो नहीं !!!
    ekdam hi nahin.......

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  16. मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान

    अदभुत क्षणिकाएँ,सार्थक क्षणिकाएं.

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  17. ....गीता तभी सूना सकोगे....
    वाह दी... तीनों ही क्षणिकाएं लाज़वाब हैं....
    सादर....

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  18. सभी क्षणिकाएं बहुत अच्छी हैं।

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  19. सभी क्षणिकायें बहुत ही सार्थक और सुन्दर है...

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  20. राह चलते लोग कहते हैं -
    'पागल है'
    कोई नहीं जानना चाहता
    उसे दिखता क्या है
    वह बोलता क्या है
    वह हँसता क्यूँ है ....


    वाह !!

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  21. लगता है किसी ने आजमाइश के लिए
    एक कश लिया
    और उड़ा दिया
    गोल गोल बेतरतीब सा ....

    Ye nayi prastutiyan bahut hi acchhi lagi... Badhai..

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  22. मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान
    गीता तभी सुना सकोगे ...
    :-)

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  23. किसी को राधा का मान दो
    किसी को सुदामा सा साथ
    किसी को कंस सी सज़ा
    मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान

    बहुत सुन्दर

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  24. राह चलते लोग कहते हैं -
    'पागल है'
    कोई नहीं जानना चाहता
    उसे दिखता क्या है
    वह बोलता क्या है
    वह हँसता क्यूँ है ....
    बहुत ही अच्‍छा लिखती हैं आप ...।

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  25. धुआं सा जीवन - बेतरबीत ...


    लेकिन ...


    मैं समझी नहीं - नफरत ?? कृष्ण की तरह ????

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  26. तीनों क्षणिकाएं अच्‍छी लगीं परन्‍तु आखिरी वाली सबसे अच्‍छी है। वास्‍तव में क्षणिकाएं रचना अत्‍यन्‍त कठिन कार्य है, उसी प्रकार जैसे गद्य में लघुकथा लिखना। कम शब्‍दों में बात कहनी होती है और असर डालना होता है सामान्‍य कविता या कहानी सरीखा। आपने सफलतापूर्वक यह कार्य किया है।

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  27. किसी को राधा का मान दो
    किसी को सुदामा सा साथ
    किसी को कंस सी सज़ा
    मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान
    गीता तभी सुना सकोगे ...

    तीनों क्षणिकाएं बहुत ही अच्‍छी हैं... कम शब्दों में बहुत बड़ी बात...रश्मि दी बहुत-बहुत आभार...

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  28. किसी को राधा का मान दो
    किसी को सुदामा सा साथ
    किसी को कंस सी सज़ा
    मन को शांत रखो
    चेहरे पे मुस्कान
    गीता तभी सुना सकोगे ...

    तीनों क्षणिकाएं बहुत ही अच्‍छी हैं... कम शब्दों में बहुत बड़ी बात...रश्मि दी बहुत-बहुत आभार...

    जवाब देंहटाएं
  29. तीनो ही क्षणिकाएं बेहतरीन हैं.. बहुत सुन्दर....
    अच्छी अभिव्यक्ति के लिए बधाई |

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  30. तीनो ही क्षणिकाएं बहुत सुन्दर हैं,
    बधाई
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  31. क्षणिकाओं का जवाब नहीं...बेहद ख़ूबसूरत...

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  32. bahut प्रभावशाली रचना, सोचने के लिए विवश करती हुई. शुभकामनाएं.

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एहसास

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