30 दिसंबर, 2011

वर्ष कहता है - मेरा नया आरम्भ तुम्हारा हो ...




विदा की बेला में
रुकने की बात कर
क्यूँ मेरे मन को कातर कर रहे हो
विदा का जश्न मनाते
तुम तो घड़ी की सुइयों में अटके हो
कब १२ बजे और नया साल आए ...

आँखें तो मेरी छलकने को हैं
कुछ पल के लिए मेरी सोचो ,
मैं एक वर्ष की अवधि लेकर आता हूँ
हर घड़ी साथ रहता हूँ
मेरे स्वागत में जो संकल्प तुम उठाते हो
उसे दूसरे दिन भूल जाते हो
.... कभी सोचा है
उस संकल्प को टूटता देख
मुझे कैसा लगता है !....
मैं कोई बच्चा नहीं
न ही तुम्हारा रिश्तेदार हूँ
मैं ईश्वर द्वारा दिया गया मौका हूँ
वह पन्ना -
जिसे तुम नया अर्थ दे सको ...!!!
लेकिन तुम - !
तुम तो निर्माण से अधिक विध्वंस करते हो
और परिणाम के चक्रव्यूह में जब खुद आ जाते हो
तो साल को खराब कहते हो
कितनी चालाकी से तुम खुद को बेदाग़ रखते हो !...
वर्ष तो ३६५ दिन की मोहलत देता है
कई विशेष दिन की खुशियाँ
पर तुम ...
इतनी बेचारगी है तुम्हारे पास
कि कुछ भी स्थाई नहीं ...
हो भी नहीं सकता
क्योंकि तुम्हारा स्वभाव ही डगमगाता रहता है
.... संभव हो तो स्थायित्व का संकल्प लो
फिर मेरे हर पल में तुम होगे
और होगी मेरी ख़ुशी
तुम्हारी जीत में
दुआ है-
मेरा नया आरम्भ तुम्हारा हो ...

40 टिप्‍पणियां:

  1. नव वर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें !
    सार्थक सन्देश देती रचना ....
    अक्सर यह मन संकल्प तोड़ने में बड़ा माहिर है !
    संकल्प नहीं समझ चाहिए बस !

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरे लिए तो हर पल , हर दिन नया है . हिन्दू नव वर्ष(२३ मार्च २०१२ ) की अग्रिम बधाइयाँ..आपको !
    .

    जवाब देंहटाएं
  3. इसे ज़िंदगी का एक हिस्सा मानिये , हमारी ओर से भी नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें स्वीकार करें.........

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन सार्थक रचना,.....
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही प्रेरक और समसामयिक अभिव्यक्ति. नूतन वर्ष की शुभ कामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सटीक रचना ..आपको जितना पड़ती हूँ मन गदगद हो जाता है कितना सुन्दर लिखती हैं आप

    ...आने वाले वर्ष की शुभ कामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  7. एक दूसरे में अपना आरम्भ ढूढ़ ले हम...

    जवाब देंहटाएं
  8. सार्थक सन्देश देती रचना, नव वर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  9. फिर मेरे हर पल में तुम होगे
    और होगी मेरी ख़ुशी
    तुम्हारी जीत में
    दुआ है-
    मेरा नया आरम्भ तुम्हारा हो ...

    सही और सार्थक सन्देश देती रचना ..नव वर्ष की शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  10. मेरे स्वागत में जो संकल्प तुम उठाते हो
    उसे दूसरे दिन भूल जाते हो

    बहुत सुन्दर...
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
    नव वर्ष मंगलमय हो!

    जवाब देंहटाएं
  11. आपको भी नव वर्ष की शुभकामनायें!!

    जवाब देंहटाएं
  12. नव वर्ष पर सार्थक रचना .नव वर्ष शुभ हो.

    जवाब देंहटाएं
  13. सार्थक सन्देश देती रचना .
    ......नववर्ष आप के लिए मंगलमय हो

    शुभकामनओं के साथ
    संजय भास्कर

    जवाब देंहटाएं
  14. .... संभव हो तो स्थायित्व का संकल्प लो....

    सब कुछ कह गयी ये एक पंक्ति... सुन्दर कामना... नव वर्ष की हार्दिक शुभकमनाएं...

    जवाब देंहटाएं
  15. फिर मेरे हर पल में तुम होगे
    और होगी मेरी ख़ुशी
    तुम्हारी जीत में
    दुआ है-
    मेरा नया आरम्भ तुम्हारा हो
    हर मन की बात कहती ये पंक्तियां .. व्‍यक्‍त कर रही हैं सार्थक भावों को .. नववर्ष की अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई ...

    जवाब देंहटाएं
  16. बेहतरीन भावाव्यक्ति…………………आगत विगत का फ़ेर छोडें
    नव वर्ष का स्वागत कर लें
    फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
    चलो कुछ देर भरम मे जी लें

    सबको कुछ दुआयें दे दें
    सबकी कुछ दुआयें ले लें
    2011 को विदाई दे दें
    2012 का स्वागत कर लें

    कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
    कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
    एक शाम 2012 के नाम कर दें
    आओ नववर्ष का स्वागत कर लें

    जवाब देंहटाएं
  17. ये कहना तो आम हो गया है कि
    "सब समय का दोष है "
    परन्तु ये रचना मौलिक दोष को प्रकट कर,
    लोंगो में उर्जा प्रदान करने वाली है !
    बहुत सुन्दर रचना !
    आपको एवं पूरे परिवार को मेरे तरफ से
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  18. सुन्दर अनुपम प्रस्तुति है आपकी.

    रश्मि जी, आपसे ब्लॉग जगत में परिचय होना
    मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है.बहुत कुछ सीखा और जाना है आपसे.इस माने में वर्ष
    २०११ मेरे लिए बहुत शुभ और अच्छा रहा.

    मैं दुआ और कामना करता हूँ की आनेवाला नववर्ष आपके हमारे जीवन
    में नित खुशहाली और मंगलकारी सन्देश लेकर आये.

    नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक
    शुभकामनाएँ.

    समय मिलने पर मेरी पोस्ट 'हनुमान लीला भाग-२' पर भी आईयेगा.आपके सुवचन मुझमें
    उत्साह का संचार करते हैं.

    जवाब देंहटाएं
  19. कितना सुंदर संदेश देती है आपकी यह कविता... हर क्षण हमें यही तो कहता है...बहुत बहुत बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  20. सार्थक सन्देश देती रचना ....
    आपको एवं पूरे परिवार को मेरे तरफ से
    नववर्ष 2012 की हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  21. बहुत सुन्दर सारगर्भित प्रस्तुति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  22. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  23. सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....

    जवाब देंहटाएं
  24. क्या कहूँ ………बेहद उम्दा रचना है। हर कोई कहता है "वक्त का तकाजा है" समय ही खराब है……समय को क्यों हम दोष देते हैं? नव वर्ष की आप सभी को बहुत बहुत बधाई व शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  25. नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  26. जब नव वर्ष ने ही शुभकामनायें दे दीं तो सब अच्छा ही होगा ...
    नव वर्ष की अनंत शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  27. बहुत सुन्दर रचना.
    नए वर्ष की हार्दिक बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  28. तुम तो निर्माण से अधिक विध्वंस करते हो
    और परिणाम के चक्रव्यूह में जब खुद आ जाते हो
    तो साल को खराब कहते हो
    कितनी चालाकी से तुम खुद को बेदाग़ रखते हो !...
    वर्ष तो ३६५ दिन की मोहलत देता है
    कई विशेष दिन की खुशियाँ
    पर तुम ...
    इतनी बेचारगी है तुम्हारे पास
    कि कुछ भी स्थाई नहीं ...
    हो भी नहीं सकता
    क्योंकि तुम्हारा स्वभाव ही डगमगाता रहता है
    sundar sandesh deti sarthak rachana hai..
    sarthak abhivykti..
    nav varsh ki mangal kamnaye....

    जवाब देंहटाएं
  29. बहुत बहुत सुन्दर रश्मि जी...हमेशा की तरह..
    आपको भी नववर्ष की मंगलकामनाये..
    खुशियाँ आपके कदम चूमें..
    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  30. sundar prastuti..
    नव वर्ष मंगलमय हो !
    बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ....

    जवाब देंहटाएं
  31. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ...

    जवाब देंहटाएं
  32. इतनी बेचारगी है तुम्हारे पास
    कि कुछ भी स्थाई नहीं ...
    हो भी नहीं सकता
    क्योंकि तुम्हारा स्वभाव ही डगमगाता रहता है
    .... संभव हो तो स्थायित्व का संकल्प लो
    फिर मेरे हर पल में तुम होगे
    .....
    वाह दीदी मुक्तकंठ से प्रसंसा ..वाह करारी चोट किया है ... अपनी सब कमियों का दोष समय पर मढने वालों पर !

    जवाब देंहटाएं

दौड़ जारी है...

 कोई रेस तो है सामने !!! किसके साथ ? क्यों ? कब तक ? - पता नहीं ! पर सरपट दौड़ की तेज़, तीखी आवाज़ से बहुत घबराहट होती है ! प्रश्न डराता है,...