प्यार करनेवाली माँ
जब नीम सी लगने लगे
तो समझो -
उसने तुहारी नब्ज़ पकड़ ली है
और तीखी दवा बन गई है !
याद रखो -
जो माँ नौ महीने
तुम्हें साँसें देती है
पल पल बनती काया का
आधार बनी रहती है
तुम्हारी नींद के लिए
पलछिन जागती है
वह तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती है
तब तक -
जब तक नीम का असर
फिर से जीवन न दे जाए !
माँ प्यार करती है
दुआ बनती है
ढाल बनती है
तो समय की माँग पर
वह नट की तरह रस्सी पर
बिना किसी शिक्षा के
अपने जाये के लिए द्रुत गति से चल सकती है
अंगारों पर बिना जले खड़ी रह सकती है
वह इलाइची दाने से कड़वी गोली बन सकती है
जिन हथेलियों से वह तुम्हें दुलराती है
समय की माँग पर
वह कठोरता से तुम्हें मार सकती है ...
तुम्हें लगेगा -
माँ को क्या हुआ !
क्योंकि तुम्हें माँ से सिर्फ पाना अच्छा लगता है
यह तुम बाद में समझोगे
कि माँ उन चीजों को बेरहमी से छीन लेती है
जो तुम्हारे लिए सही नहीं
और सही मायनों में
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !
यह तुम बाद में समझोगे
जवाब देंहटाएंकि माँ उन चीजों को बेरहमी से छीन लेती है
जो तुम्हारे लिए सही नहीं
ऐसी ही माँ बनना उचित है...वर्तमान की कठोरता में कोमल भविष्य छुपा है,यह उन्हें बाद में समझ में आएगा|
अन्तर करना बहुत कठिन है।
जवाब देंहटाएंयह तुम बाद में समझोगे
जवाब देंहटाएंकि माँ उन चीजों को बेरहमी से छीन लेती है
जो तुम्हारे लिए सही नहीं
और सही मायनों में
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !
....बिलकुल सच...माँ के अंतर्मन का बहुत सुन्दर और भावपूर्ण चित्रण...
bhavbhini kavita... bahut badhiya
जवाब देंहटाएंक्योंकि तुम्हें माँ से सिर्फ पाना अच्छा लगता है
जवाब देंहटाएंयह तुम बाद में समझोगे
कि माँ उन चीजों को बेरहमी से छीन लेती है
जो तुम्हारे लिए सही नहीं
और सही मायनों में
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !
Wah ...Kitna stekk spasht sach....
माँ के प्यार में निस्वार्थ भाव को समेटती आपकी खुबसूरत रचना.....
जवाब देंहटाएंवाह!!!!बहुत सुंदर प्रस्तुति और भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंअंगारों पर बिना जले खड़ी रह सकती है
जवाब देंहटाएंवह इलाइची दाने से कड़वी गोली बन सकती है
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है .... ! सच में 100% ऐसी माँ ही ईश्वर होती है .... !!
मां तो अखरोट की गिरी की तरह है....ऊपर से सख्त और भीतर नर्म,,,,,
जवाब देंहटाएंऔर सिवा आपके हित के जो कुछ सोचती नहीं...
बहुत प्यारे भाव दी.
सादर.
अनु
सार्थक रचना....
जवाब देंहटाएंमाँ को बच्चों की भलाई के लिए नीम जैसा भी बनना पड़ता है ...बहुत सशक्त भाव
जवाब देंहटाएंकाश बस थोड़ा सा वह आत्मबल हममें भी आ जाए ,माँ जैसे हो जाएँ हम. माँ के जाए कहलायें हम .
जवाब देंहटाएंरविवार, 22 अप्रैल 2012
कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र -- भाग तीन
कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र -- भाग तीन
डॉ. दाराल और शेखर जी के बीच का संवाद बड़ा ही रोचक बन पड़ा है, अतः मुझे यही उचित लगा कि इस संवाद श्रंखला को भाग --तीन के रूप में " ज्यों की त्यों धरी दीन्हीं चदरिया " वाले अंदाज़ में प्रस्तुत कर दू जिससे अन्य गुणी जन भी लाभान्वित हो सकेंगे |
वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई )
http://veerubhai1947.blogspot.in/
माँ जैसा कोई नहीं....
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब!!
जवाब देंहटाएंबिलकुल, ऐसी ही माँ ईश्वर होती है...
जवाब देंहटाएंतू कितनी अच्छी है...........
जवाब देंहटाएंमाँ ईश्वर का साकार रूप है.सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंसच है ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
maa ki sachhe shabdon mein tasveer khichi hai aapne..ma"am
जवाब देंहटाएंBehad hi Khubsurat likha hain Rashmi ji aapne...
जवाब देंहटाएंवह तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती है
जवाब देंहटाएंतब तक -
जब तक नीम का असर
फिर से जीवन न दे जाए !
यही तो माँ का जादू है ...
माँ जैसी बस माँ ही होती है..बहुत सुंदर कविता !
जवाब देंहटाएंकुछेक को छोड़कर , अधिकतर माएं ऐसी ही होती हैं .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति .
saty vachan
जवाब देंहटाएंअपने बच्चे के भले के लिए माँ कुछ भी कर सकती है.
जवाब देंहटाएंप्यार करनेवाली माँ
जवाब देंहटाएंजब नीम सी लगने लगे
तो समझो -
उसने तुहारी नब्ज़ पकड़ ली है...
....सुन्दर प्रस्तुति.
wah....bahut achchi lagi.
जवाब देंहटाएंशीश नवा रहा हूँ!!
जवाब देंहटाएंमां की ममता के साथ कठोरता भी अच्छी ही होती है।
जवाब देंहटाएंमाँ की रोकटोक उनके भले के लिए ही होती है और इसमें कभी सख्ती और कभी नरमी बरतती है , वही तो ईश्वर भी करता होगा !!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना !
bahut sunder hai ..
जवाब देंहटाएंबच्चों को ये एहसास शायद माँ-बाप बनने के बाद ही होता है...नीम की डोज़ जरुरी है...
जवाब देंहटाएंइसलिए माँ सर्वोपरि होती है..ईश्वर सी..आपको नमन..
जवाब देंहटाएंइश्वर स्वरूपा माँ ही भेद कर सकती है अछे और बुरे में ..... बाद में याद आता है " माँ दे हथा विच बणी रोटियां खाणु बड़ाइ दिल करदा ..."
जवाब देंहटाएंकि माँ उन चीजों को बेरहमी से छीन लेती है
जवाब देंहटाएंजो तुम्हारे लिए सही नहीं
और सही मायनों में
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !
ek kadavi sachchhai baya kar di aapne aur yahi na samjh pane ki vajah se galatfahmiyan hoti hai lekin maa to maa hi hoti hai.
Mother is God only!!
जवाब देंहटाएंयह तुम बाद में समझोगे
जवाब देंहटाएंकि माँ उन चीजों को बेरहमी से छीन लेती है
जो तुम्हारे लिए सही नहीं
और सही मायनों में
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !
jeevan ka saar hai aapki kavita mein.
बिल्कुल सही द्रष्टिकोण आपने बिल्कुल सही कहा दीदी मैं आपकी बात से सहमत हूँ बहुत सटीक आंकलन कर लिखी खूबसूरत रचना |
जवाब देंहटाएंbahut sundar kavita......marmsparsheeee
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