31 जुलाई, 2011

दर्द ज़िन्दगी का ख़ास हिस्सा है



अक्सर लोग सोचते हैं
दर्द को खुलकर नहीं कहना चाहिए
'सुनी इठ्लैहें लोग सब '
..... तो ?
दर्द के सत्य को
जो हर एक की ज़िन्दगी का ख़ास हिस्सा है
रोग बना लेना चाहिए ...
कभी दिल का दौरा
ब्रेन हैमरेज ....
और न जाने क्या क्या !
अरे मरना तो सबको है
जीने के लिए दर्द को बांटना सीखिए
दर्द का रिश्ता बनाइये
किसी की मुस्कान बनिए
किसी से मुस्कान लीजिये ....
कभी सोचा है ?
- हमसब सहजता से परे क्यूँ होते जा रहे हैं
खिन्न क्यूँ रहते हैं
एक दूसरे से मिलने से क्यूँ कतराते हैं .... !
क्योंकि हम भाग रहे हैं
और इस भागमभाग में कई परेशानियां हैं
जिसे हम अकेले अकेले सुलझाते हैं
और आत्मप्रशस्ति में सिर्फ अकेलेपन का दर्द लेते हैं
किसी के आगे अपने मन को रखना
शान के खिलाफ समझते हैं
या फिर डरते हैं मखौल से !!!
कभी सोचा है
कौन उड़ाएगा मखौल ?
कौन सम्पूर्ण है ?
किसके पैर न फटी बेवाई?
स्किन कलर के मोजे पहन लेने से कुछ नहीं होता
- ताड्नेवाले क़यामत की नज़र रखते हैं ...

रात-दिन की तरह दर्द हमारे संग रहता है ....

ख़ुशी तो सुबह की तरह है
ब्रह्ममुहूर्त की लालिमा
स्वप्न नीड़ से उचककर पंछियों का झांकना
चूल्हे से उठता धुंआ ...
दिन शुरू होने का ऐलान और ...सुबह ख़त्म !
इस सुबह के इंतज़ार में गुनगुनाती हवाओं का
माँ की लोरी का
प्यार भरे स्पर्श का
मीठी नींद का साथ होता है
तो फिर दर्द में साथ क्यूँ नहीं !
आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
कितनी राहत मिलती है !

50 टिप्‍पणियां:

  1. sahi kaha mausi ji..dard jindgi ka khash hissa hai...jiske sath na jiya ja sakta hai...na choda ja sakta hai...aabhar

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  2. दर्द के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया है आपने.
    सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए आभार.

    समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

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  3. दर्द का रिश्ता ज्यादा गहरा होता है ... ज़िंदगी को सहजता से जीने का रामबाण उपाय .. गहन अभिव्यक्ति

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  4. नजरिया बदलने कि ज़रूरत है...कुछ हँसेंगे भी...पर कुछ हमदर्द भी निकलेंगे...दरवाजे खटखटाने पड़ते हैं...ख़ुशी और गम दोनों बाँटिये...अपने पास कुछ भी मत रखिये...

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  5. ज़िन्दगी में दर्द आया तो उसका स्वागत किया...बस जीना आसान हो गया..खूबसूरत सन्देश देती रचना..

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  6. waaah...........bahut acche laga......ye ehssas.....kahan se aisa soch lete hain aap? kitne acche se samjhaya hai..


    हर राह पर मुश्किलें आसान कर देता है ये दर्द
    इस दर्द को मैं हमसफ़र क्यूँ ना कहूं?????अक्षय-मन

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  7. कौन सम्पूर्ण है ?
    किसके पैर न फटी बेवाई?
    स्किन कलर के मोजे पहन लेने से कुछ नहीं होता
    - ताड्नेवाले क़यामत की नज़र रखते हैं ...
    रात-दिन की तरह दर्द हमारे संग रहता है ....


    संवेदनशील मन को उद्वेलित करने वाली मार्मिक कविता.... ...

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  8. पर कभी कभी दर्द बड़ा बेदर्द होता है ....


    आँसू भी अपमानित हो जाते हैं......

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  9. आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है !

    guru maa, jai ho!

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  10. बिना दर्द के कोई आनंद ही नहीं जीवन में । दर्द तभी ख़त्म होता है जब उसे खुलकर जिया जाये । सुंदर विचार ...

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  11. दर्द जिन्दगी का हिस्सा है , एक मन को छूने वाली रचना , अति सुंदर रश्मि जी . धन्यवाद |

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  12. दर्द जिन्दगी का हिस्सा है , एक मन को छूने वाली रचना , अति सुंदर रश्मि जी . धन्यवाद |

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  13. जीने के लिए दर्द को बांटना सीखिए
    दर्द का रिश्ता बनाइये
    किसी की मुस्कान बनिए
    किसी से मुस्कान लीजिये ....
    रश्मि जी, एक रचना के माध्यम से ज़िन्दगी के कितने पहलूओं पर रोशनी डाल दी आपने...बधाई.

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  14. सच कहा आपने.... दर्द का भी अपना महत्व है ताकत भी....

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  15. दर्द के सत्य को,
    जो हर एक की ज़िन्दगी का ख़ास हिस्सा है....दर्द के सत्य को इतनी खूबसूरती से समझाने लिए बहुत बहुत धन्यावद....

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  16. आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है !

    और क्या !
    इसके लिए मूर्खता का तमगा स्वीकार करने से नहीं डरना चाहिए!

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  17. आपको इसके लिए सिर्फ शुक्रिया अदा करुँगी
    पढ़ कर रहत मिली
    :)

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  18. माँ की लोरी का
    प्यार भरे स्पर्श का
    मीठी नींद का साथ होता है
    तो फिर दर्द में साथ क्यूँ नहीं !
    आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है !

    वाह... बहुत खूब कहा है ... आपकी यह पंक्ति जाने कितनों को सोचने पर विवश कर देंगी .. आभार के साथ शुभकामनाएं ।

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  19. दर्द का रिश्ता बनाइये.....

    आत्मप्रशस्ति में सिर्फ अकेलेपन का दर्द लेते हैं...

    कौन सम्पूर्ण है ?...
    किसके पैर न फटी बेवाई?..

    आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो कितनी राहत मिलती है !

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  20. दर्द का रिश्ता ही तो सबसे गहरा होता है……………शानदार रचना।

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  21. कसक गम दर्द निना ये ज़िन्दगी अच्छी नही लगती मुझे अब आँसूओं से दुश्मनी अच्छी नही लगती
    आपकी रचना पर ये शेर हाज़िर है। ये आँसू ही तो तन्हा दिल को राहत देते हैं। शुभकामनायें\

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  22. सत्य लिखा है। मानवता यही है, बस इसे समझ कर आत्मसात् करने की बहुत ज़रूरत है। आपने लिखा, बहुत अच्छा लगा।

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  23. सच कहा आपने..
    ह्र्दय की गहराई से निकली अनुभूति रूपी सशक्त रचना

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  24. आजकल बांटना भी भूल सा गए हैं ...हम.दर्द बांटने से कम हो जाता है यह याद ही नहीं है...आपकी रचना ने इस को याद दिलाया

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  25. bahut achche bhaav hain..sahi hai dard ko humdard bana ke dekhiye dard ko peena seekhiye jindagi sahaj ban jaayegi.

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  26. ताड्नेवाले क़यामत की नज़र रखते हैं ...


    रात-दिन की तरह दर्द हमारे संग रहता है ....
    बहुत खूब !
    दिल को छू जाने वाली सुन्दर और संवेदनशील प्रस्तुति.

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  27. दुख बांटने से हलका होता है और रिश्ता भी आत्मीय बनता है।

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  28. बहुत सुदर रचना, सुंदर भाव

    ख़ुशी तो सुबह की तरह है
    ब्रह्ममुहूर्त की लालिमा
    स्वप्न नीड़ से उचककर पंछियों का झांकना
    चूल्हे से उठता धुंआ ...
    दिन शुरू होने का ऐलान और ...सुबह ख़त्म !

    जवाब देंहटाएं
  29. बहुत सुदर रचना, सुंदर भाव

    ख़ुशी तो सुबह की तरह है
    ब्रह्ममुहूर्त की लालिमा
    स्वप्न नीड़ से उचककर पंछियों का झांकना
    चूल्हे से उठता धुंआ ...
    दिन शुरू होने का ऐलान और ...सुबह ख़त्म !

    जवाब देंहटाएं
  30. मेरा तो मानना है कि अपना दर्द तभी कम हो सकता है जब हम दूसरों का दर्द बाटें...

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  31. आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है ....

    रश्मि दी, अत्यंत प्रभावी, मर्म को स्पर्श करती रचना है...
    सादर...

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  32. dard ki hi baat hai saari
    kabhi to apno ko bhi gair kar deta hai
    kabhi gairon ko bhi apna bana deta hai

    bahut achha laga padh kar

    abhar

    naaz

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  33. तो फिर दर्द में साथ क्यूँ नहीं !
    आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है !

    वाह रश्मिदी क्या बात कही है... आखिर यही दर्द तो देता है सच्चे मित्र की तरह साथ हाँ और पहचान भी कराता है सच्चे साथी की सबसे मजबूत होता है दर्द का रिश्ता...

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  34. वाह! और वो ख्याल कि,
    "दो अश्क उसके पोंछ के क्या हासिल हुआ मुझे,
    अजी खुशबू नहीं गई है अब तक रुमाल से!"

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  35. sach kaha hai...Dard ko baantana bhi utna hi jaroori hai aur tab pata chal jaata hai...kaun nahi hai dukhi....par jeevan ka ek hissa hi hai ye...

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  36. ''आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है !'' कमाल के शब्द हैं, सच कहा जिंदगी को सहज भाव से देखो और महसूस करो, यही जिंदगी है. शुभकामनाएं.

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  37. जीवन में दुःख है यही तो बुद्ध ने कहा था नानक ने भी कहा नानक दुखिया सब संसार... जो खुद ही दर्द में है, वह हमारा दर्द कैसे कम करेगा... किसी ऐसे को तलाशना होगा जो दर्द के पार चला गया हो...

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  38. aaj apki rachna padh kar do baate uth aayi hain jinhe bina kahe to nahi rahungi...aap jan hi gayi hongi meri nature...

    1.aaj is bhaav bhoomi par is shabd vyanjana me ye kavita aap ne likhi hai ?
    me hairan aur khush hun.

    2. aap apne dukh sukh baantne ki pahal to kijiye sabse pahle.

    :):):)

    bahut acchha laga aaj apka likha.

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  39. आँसुओं में बहुत ताकत होती है रश्मी जी...

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  40. सच ही है दुःख है, तभी तो हमें सुख का अहसास होता है बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.

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  41. इस सुबह के इंतज़ार में गुनगुनाती हवाओं का
    माँ की लोरी का
    प्यार भरे स्पर्श का
    मीठी नींद का साथ होता है
    तो फिर दर्द में साथ क्यूँ नहीं !
    आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है !
    सच है दर्द दबा कर घुटते रहने से दर्द की साझेदारी अच्छी है

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  42. lekin dard bhi usi se baant jo samjh sake .......varn dard bant n bante baaten bant jaati hain .....sarthak rachna :)

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  43. इस सुबह के इंतज़ार में गुनगुनाती हवाओं का
    माँ की लोरी का
    प्यार भरे स्पर्श का
    मीठी नींद का साथ होता है
    तो फिर दर्द में साथ क्यूँ नहीं !
    आंसू की एक बूंद का साथ देकर तो देखो
    कितनी राहत मिलती है !

    गहन भावों की खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  44. बस इतना सोचा - जो होगा देखा जायेगा ...
    होना तय है , तो रुकना कैसा !

    Very appealing lines .

    .

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  45. didi
    main khud ko baar baar padhne se rok nahi paa rahi
    bahut hi khubsoorat aur sachhi rachna hai

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दौड़ जारी है...

 कोई रेस तो है सामने !!! किसके साथ ? क्यों ? कब तक ? - पता नहीं ! पर सरपट दौड़ की तेज़, तीखी आवाज़ से बहुत घबराहट होती है ! प्रश्न डराता है,...