एक मेज़,
कुछ कुर्सियाँ,
और लोग!
चाय की प्याली,
आलोचनाओं का दौर..........
इसने कहा,
उसने कहा,
और स्वनिष्कर्ष!
आलोचना का पात्र खडा है स्तब्ध,
मन की जिन परतों का ,
उसे ज्ञान तक नहीं -
उसे लोग कर रहे हैं सिद्ध...
है न अजीब बात!
नियति यह,
जो किया गया है सिद्ध,
उसे मान लो!
मत कहो कुछ,
कुछ मत कहो...
वर्ना,
फिर तैयार होंगी चाय की प्यालियाँ ,
चलेगा दौर-आलोचनाओं का,
कहेंगे लोग-
'मानने की आदत नहीं'।
jo siddha na ho saka kal wo sach ho sakta hai par abhee use hee sach kaho jo sidh ho gaya
जवाब देंहटाएंyahee to sach hai ki wahee to sach hai
Anil
आपने सही कहा लोग set trend के अनुसार चलने के आदि हो गए है, और अच्छाई के लिए किया जाने वाला परिवर्तन भी अक्सर आलोचना के घेरे में आ जाता है |
जवाब देंहटाएंआलोचना ही जिनका व्यवसाय है ,व्यसन है ....
जवाब देंहटाएंउनका ऐसा ही चलन है .
सारे आलोचक' कबीर' के निन्दक नियरे राखीये को चरितार्थ तो नहीं कर सकते ,रश्मि जी.
महत्त्व तो केवल सींच कर नवांकुर उगाने वाले बादलों की आवाज़ का ही होता है .
sahi kaha hai aapne .kabhi koi accha kadat utane per log hamesha virodh karte hi hai.
जवाब देंहटाएंacchi prastuti,
badhai
sach kaha aapne........log aisa hi sochte hain..marmsparshi rachna ke liye badhayee
जवाब देंहटाएंकरने दो आलोचना ,परखने दो मन
जवाब देंहटाएंकि आग मे हि जल कर निखरता कुन्दन "
कमाल है. वाह !
जवाब देंहटाएंरश्मि जी आपकी कविता ''मानने की आदत नहीं''... में आपने मानव प्रवृति बड़ा सजीव चित्रण किया है ... आज लोग दूसरो कि आलोचना करने में अपना समय जिस तरह दिल से लगाते है, अनुत्पादक बाते करके अपना और दूसरों का समय बर्बाद करते हैं उनके लिए यह कविता करारा जवाब है ..सच्चाई का आईना है .......... बस ऐसा ही लिखते रहे ...... अन्धकार दूर हो न हो लोगो के जीवन में कुछ रोशनी तो घोलेगा ही ........ शुभकामनाएं....... '''' अम्मा को प्रणाम'' जरुर कहें..
जवाब देंहटाएंकहेंगे लोग-
जवाब देंहटाएं'मानने की आदत नहीं'।
बहुत खूब जी बहुत सुंदर लगी यह
lovley poem
जवाब देंहटाएंbahut khoob.
जवाब देंहटाएंआपके कहने का सलीका लाजवाब है।
जवाब देंहटाएंतहे दिल से शुक्रिया.......
जवाब देंहटाएंrashmi ji namaste
जवाब देंहटाएंaapke blog par sirf ek nazar padi aur ek apanepan ka bhaav sa jaag gaya, bahut si baate ek baar padhte se hi dil ko chhoo gayi, man kiya kuch aur log bhi padh sake mai aapake blog ke bare me apane blog me kuch likhna chahti hu aapaki aagyaa ki pratixa hai
mere blog par ek nazar daal kar bataye , aapke javaab ka intazaar rahegaa
http://shaifaly.mywebdunia.com/