21 अप्रैल, 2008

गिरने नहीं दूंगी......


सोच की गहराई तक,
उनका जाना मुमकिन नहीं-
जिनकी आँखें मोतियों को नहीं सपनातीं!
मैंने तुम्हारी आंखों से,
उन हर सपनों को देखा है-
जिसके आगे मेरी दुआओं से कहीं आगे ,
तुम्हारी इक्षा-शक्ति खड़ी रही...
किसी प्राप्य से चूक जाना,
हार नहीं होती-
समय का शायद एक गंभीर तकाजा होता है,
बहुत कुछ जानने-समझने के लिए...
मुझे पता है,
इससे गुज़रना आसान नहीं होता,
पर-गुजरना पड़ता है!
मैं तुम्हारी हर शिकन,हर धड़कन को ,
महसूस करती हूँ,
आंखों में तैरते सघन बादलों को भी जाना है,
उन एक-एक बादलों का-
बहुत बड़ा अर्थ है मेरी आँचल में...
ये सारे अर्थ तुम्हे मिलेंगे,
एक भी अर्थ,
मैं नीचे नहीं गिरने दूँगी..........

14 टिप्‍पणियां:

  1. "किसी प्राप्य से चूक जाना,
    हार नहीं होती-
    समय का शायद एक गंभीर तकाजा होता है,
    बहुत कुछ जानने-समझने के लिए...
    मुझे पता है,
    इससे गुज़रना आसान नहीं होता,
    पर-गुजरना पड़ता है!"

    एक अनमोल सीख के साथ एक बेहतर रचना के लिए आपका हार्दिक आभार |

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  2. सोच की गहराई तक,
    उनका जाना मुमकिन नहीं-
    जिनकी आँखें मोतियों को नहीं सपनातीं!

    sahi kaha..

    आंखों में तैरते सघन बादलों को भी जाना है,
    उन एक-एक बादलों का-
    बहुत बड़ा अर्थ है मेरी आँचल में...
    ये सारे अर्थ तुम्हे मिलेंगे,
    एक भी अर्थ,
    मैं नीचे नहीं गिरने दूँगी......


    bahut sundar ahsaas..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बड़ा अर्थ है मेरी आँचल में...

    ये सारे अर्थ तुम्हे मिलेंगे,

    एक भी अर्थ,

    मैं नीचे नहीं गिरने दूँगी..........

    sadar pranam hai in shabdon ko in bhavon ko

    Anil

    जवाब देंहटाएं
  4. समय का शायद एक गंभीर तकाजा होता है,

    बहुत कुछ जानने-समझने के लिए...

    मुझे पता है,

    इससे गुज़रना आसान नहीं होता,

    पर-गुजरना पड़ता है!

    बहुत ही सुंदर रश्मि जी ..एक सच होता है आपकी कविता में जो ज़िंदगी से जुडा होता है

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  5. बहुत प्यारी.. बहुत प्यारी.. !

    "दुआओं से आगे.. तुम्हारी इक्षा-शक्ति"

    समर्पण का भाव दर्शाता है और

    "एक भी अर्थ, मैं नीचे नहीं गिरने दूँगी"

    महज़.. जज़्बात नहीं..
    एक गहरी सोच.. एक पक्का वादा... किसी और से नहीं ..खुद से....!

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  6. आंखों में तैरते सघन बादलों को भी जाना है,


    उन एक-एक बादलों का-


    बहुत बड़ा अर्थ है मेरी आँचल में...


    ये सारे अर्थ तुम्हे मिलेंगे,


    एक भी अर्थ,


    मैं नीचे नहीं गिरने दूँगी..........
    sach kitna apna pan hai in panktiyon mein,kisi ka sahara bhare ya aashavad se bhare shabd hi kafi hai udaan ke liye,bahut bahut sundar.

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  7. बहुत ही भावपूर्ण कविता।

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  8. "ये सारे अर्थ तुम्हे मिलेंगे,
    एक भी अर्थ,
    मैं नीचे नहीं गिरने दूँगी"

    बहुत ही उम्दा..

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  9. pranaam
    एक भी अर्थ,

    मैं नीचे नहीं गिरने दूँगी..........
    is behtareen rachna ke liye hazaron badhayee aur bahut bahut dhanyawaad jo mujhe padhne ka mauka diya

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  10. बादलों का अर्थ समेटे आँचल...

    (जीवन का अर्थ समेटे आँचल...
    सृष्टि का अर्थ समेटे आँचल...)

    बहुत सुन्दर रचना दी...
    सादर.

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