शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
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गंगा
गंगा ! तुम परंपरा से बंधकर बहती, स्त्री तो हो किंतु परंपरा से अलग जाकर अबला अर्थ नहीं वहन करती वो रुपवती धारा हो जिसका वेग कभी लुप्त नही...
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गंगा ! तुम परंपरा से बंधकर बहती, स्त्री तो हो किंतु परंपरा से अलग जाकर अबला अर्थ नहीं वहन करती वो रुपवती धारा हो जिसका वेग कभी लुप्त नही...
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माँ तो हूँ ही - अब सासु माँ भी . इन्हीं सुखद क्षणों के सुख के लिए मैं आप सबसे दूर थी . आइये इन क्षणों को देखकर अपना आशीर्वाद दीजिये . य...
good work DI......"MKA"..ka
जवाब देंहटाएंcongr8s!
...EHSAAS
बहुत ही शानदार .......आपने इस गाने में जान डाल दी है ....... चल चित्रों के साथ यह गाना बहुत ही संवेदनशील हो गया है मन को छूता है ,,,,,,,,,हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं.....
जवाब देंहटाएंbahut sukhad hai aapki aur mka ki mehnat ka phal....gr8 work di...
जवाब देंहटाएं"हर तरफ, हर जगह, हर कही पे है, हां उसी का नूर" भजन बहुत ही खूबसूरत है और भजन के theme के अनुसार बिभिन्न क्षेत्रो एवम धर्मो के आस्था के प्रतीको को एक जगह लाने की सोच और प्रयास भी सराहनीय है |
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत पर शानदार वीडियो परिकल्पना. आपको व खुश्बू दोनों को ही धन्यवाद. बारंबार देखने योग्य. चित्रों का संयोजन अद्भुत है. सम्मोहित करने वाला वीडियो.
जवाब देंहटाएंbahut sundar :)
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा..आप दोनों को बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा है!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुँदर सँकलन के साथ एक बेहतरीन गीत सुनवाने के लिये शुक्रिया रश्मि जी...
जवाब देंहटाएंस्नेह
-लावण्या
har chitr shabd ko us ka arth de raha hai bahut hee advitiy hai ye sangam bahut bahut shukriya prasad kee tarah bantne ke liye
जवाब देंहटाएंAnil