जब पहली सफेदी उतरी थी
यूँ कहें दिखी थी ....
तो मन के भीतर एक बुलबुला उठा था
तोड़ने को हाथ बढ़ाये ही थे
कि किसी ने कहा - यह माँ का प्यार होता है
बचपन से कहीं छुपा रहता है
कभी कभी दिखता है ....
गुरुर बन उठा था वह एक सफ़ेद बाल
गाहे बगाहे ढूंढते
कहीं गुम तो नहीं हो गया !
जिसे नहीं मिलता
वह ऊपर से सहज
अन्दर से विकल ...
माँ का प्यार एक बाल में
वो भी सफ़ेद बाल पर निर्भर हो जाता !
किसी किसी को देखा तीसमारखां बनते
- बकवास है यह सब कहते हुए उस बाल को तोड़ते
... सफ़ेद बाल फिर उग आए
साथ में एक और सफ़ेद !
.... तब जाना
यह बाल तोड़ने से रोकने का प्यारा सा नुस्खा था
....
खैर ! उम्र को तो तोड़ा नहीं जा सकता
उम्र बढ़ती गई , कुछ और सफेदी बढ़ी
भरी पार्टी में कोई पूछता चटखारे लेकर
' बालों पर चांदी उतरने लगी ? '
मन के युवा सोच , सपने बुरा मान जाते
भला ये क्या बात हुई !
लेकिन चटखारों से , बुरा लगने से उम्र को क्या मतलब
आँखों की रौशनी हल्की होने लगी
घुटने दुखने लगे
अधिक तेल का असर स्वास्थ्य पर पड़ा
तो उस एक बाल पर प्यार आया -
बेचारे ने तो घंटी बजाई ही थी
माँ की तरह सतर्क किया था
हम हीं एक एक साल घटा
तीस पर अटके हुए थे !
जब ब्लड का प्रेशर बढा
डॉक्टर ने कहा - आफ्टर थर्टी होता है ...
तो कहा दूसरों से - बेवकूफ ! कुछ भी बोलता है
इस साल तो तीस पर पहुँचे हैं .... !
कोई कहता - पच्चीस से अधिक नहीं लगती उम्र
तो धीरे से अट्ठाईस मानने में सुकून मिलता
आईना भी एक इशारे में मान जाता
........
अब घटाने का सवाल ही ख़त्म हो गया
कुर्सी से उठने में
आगे कदम बढ़ाने में सच जोर जोर से बोलने लगा
रोकने के लिए घूरो
तो एक आह ! जो निकलती है
वह कहती है - मारो गोली ...
40 , 50 , 55 क्या फर्क पड़ता है
बेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
हाफ टिकट तो मिलेगा
...
वाह बहुत बढ़िया... सफ़ेद बाल माँ का प्यार... पहली बार पता चला...
जवाब देंहटाएंसही कहा...बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंबेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
जवाब देंहटाएंहाफ टिकट तो मिलेगा,,,,,,,,
बेहतरीन अभिव्यक्ति ,,,,,,,,
दिल को सकूं के लिए 'हाफ टिकट' की तसल्ली अच्छी है.
जवाब देंहटाएंस्त्री मन का अंतर्द्वद्व बहुत ही सरसता से आपने कविता में पिरो दिया है!
जवाब देंहटाएं"तो एक आह ! जो निकलती है
वह कहती है - मारो गोली ...
40 , 50 , 55 क्या फर्क पड़ता है
बेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
हाफ टिकट तो मिलेगा"
विचारों के द्वंद्व की सुंदर इति! बहुत ही सुंदर कृति!
हर कोई अपनी अपनी उम्र की तरफ बढ़ रहा हैं ....सटीक लेखन
जवाब देंहटाएंआप की रचना पढ कर लगा कि मन कैसे स्वीकार करने से कतराता है सच को...मन की भावनाओ को दर्शाती बढिया रचना है...आप की रचना पढ कर अपनी व्यथा कुछ कम हो गयी...:{{{
जवाब देंहटाएंचलिये, मार दी..
जवाब देंहटाएंहाहाहाहा...मुझे याद है जब पहली बार मुझे किसी ने आंटी कहा था तो मैं चौंक पड़ी थी...
जवाब देंहटाएंउस समय तक सब दीदी ही बोलते थे...
तब खुद को ध्यान से देखा...खुशी भी हुई चलो उम्र का एक पड़ाव पार किया...लेकिन सच बताऊँ दुख ज्यादा हुआ थाः))
:-)
जवाब देंहटाएंहर उम्र का अपना आनंद है न दी.............
६० की निश्फिक्री १६ में कहाँ?????
सादर
वही ठीक है :)
जवाब देंहटाएंhahahhahaaaa....bahut sunder....mazaa aa gaya padh kar....aur pyar ho gaya badhte hue safed baalon se
जवाब देंहटाएंabhaar
naaz
बढिया,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सफ़ेद बाल फिर उग आए
जवाब देंहटाएंसाथ में एक और सफ़ेद !
.... तब जाना
यह बाल तोड़ने से रोकने का प्यारा सा नुस्खा था ..... बहुत खूब
गर्व से कहना भी है उम्र पर तजुर्बे के हैं ,धुप में पके नहीं .... :D
40 , 50 , 55 क्या फर्क पड़ता है .... ?
बेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
हाफ टिकट तो मिलेगा ,अभी मुझे भी इन्तजार है .... :O
:):) बहुत बढ़िया ....
जवाब देंहटाएंkita sahi kaha hai umr hai voto badhegi hi .
जवाब देंहटाएंjanti hai me kya sochti hoon achchha umr badh rahi hai apno ke sath rahne ko to mil raha hai .............
sunder prastuti
rachana
अब घटाने का सवाल ही ख़त्म हो गया
जवाब देंहटाएंकुर्सी से उठने में
आगे कदम बढ़ाने में सच जोर जोर से बोलने लगा
रोकने के लिए घूरो
तो एक आह ! जो निकलती है
वह कहती है - मारो गोली ...
40 , 50 , 55 क्या फर्क पड़ता है
बेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
हाफ टिकट तो मिलेगा
...
vaah man ko bha gai rachna ....
बेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
जवाब देंहटाएंहाफ टिकट तो मिलेगा ....ARE WAAH YE BHI ACCHA HAI....
साठ ही बढ़िया है :)
जवाब देंहटाएंमगर आजकल के बच्चे क्या करें ...बारह तेरह वर्ष की उम्र में सिर के बाल सफ़ेद होने लगे हैं !
उम्र बढ़ने के साथ दिमाग समृद्ध होता है,दिल बैठ जाता है !
जवाब देंहटाएंbahut sachchaai bhari hai in shabdon me .....hahaha.....ab half ticket to milega ..khoob kaha.
जवाब देंहटाएंबहुत अलग सा... हट के..
जवाब देंहटाएंबेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
जवाब देंहटाएंहाफ टिकट तो मिलेगा
क्या बात है!!! बहुत ही बढि़या।
दुबारा ...
जवाब देंहटाएंमुझे इस पोस्ट में सबसे अच्छा शीर्षक लगा ...
बधाई !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ! बढ़ती उम्र , बालों की सफेदी ..इन बातों को बड़ी खूबसूरती से पिरो कर प्रस्तुत किया आपने..दिल को दिलासा देने वाली तो थोड़ी मनोरंजक भी रही.
जवाब देंहटाएंआभार.
बहुत रोचक पोस्ट..गुदगुदाती हुई सी..
जवाब देंहटाएंकोई कहता - पच्चीस से अधिक नहीं लगती उम्र
जवाब देंहटाएंतो धीरे से अट्ठाईस मानने में सुकून मिलता
आईना भी एक इशारे में मान जाता ...........LOL
एक आह ! जो निकलती है
वह कहती है - मारो गोली ...
40 , 50 , 55 क्या फर्क पड़ता है
बेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
lo ji maar di goli.........
हा हा हा ..मैंने भी मार दी .:)
जवाब देंहटाएंरोचक अंदाज़ में सच की बानगी... आईना दिखा रहा है..हम देखें तब न..
जवाब देंहटाएंएक आह ! जो निकलती है
जवाब देंहटाएंवह कहती है - मारो गोली ...
40 , 50 , 55 क्या फर्क पड़ता है
बेहतर है 60 ही - कम से कम उम्र के सम्मान में
बढिया,
बहुत सुंदर
kya baat hai......
जवाब देंहटाएंसटीक पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएं:-)))
जवाब देंहटाएंकहीं आप साथ के फायदे तो नहीं बता रहीं न .. हा हा ... अच्छी रचना है ...
जवाब देंहटाएंdi
जवाब देंहटाएंjaise-jaise ham badhte hain umra to ghati hi jaati hai jo ki haqkat hai usse dar kaisa. yebhi to apne vyaktitv ki alag pachan haun na
bahut hu sarl aur sahaj abhivyakti
hardik naman
poonam
बचपन में एक कहानी पढ़ी थी ...अंगूर खट्टे हैं ......लेकिन मज़ा तो तब है .....जब उनमें से मीठे अंगूर चुन कर उनका मज़ा लिया जाये ......
जवाब देंहटाएंbilkul samyik vyang ,,,,badhai Rashmi ji
जवाब देंहटाएंgood one...
जवाब देंहटाएंsafed bal baudhik paripakvata ka dyotak hai.uska labh bhi hai ,jiska varnan khubsuti se kiya gaya hai.
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