अँधेरे में
जब हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था
'हाथ पकडे रहना ....' चीखते हुए
आंसुओं से सराबोर
एक माँ ....
कोई ऐसा ताखा नहीं था
न कोई दीवार
न दरवाज़ा
न मिट्टी
न शून्य ................
जहाँ से उसने ईश्वर को नहीं उठाया
अपने बच्चों की खातिर !
ऐसी माँ
लोगों को भले ही साइकिक
हास्यास्पद नज़र आ जाए
संदेहास्पद जीत के लिए
भले ही झूठ के कई घड़े उसके सर पे रख दिए जाएँ
वह हारती नहीं है ....
उद्देश्य कई हों
तो मंथन होता है रास्तों के लिए
पर जिस माँ के लिए
मात्र उसके बच्चे उद्देश्य हों
वह लोगों के कुत्सित विचारों का मंथन करती जाती है
और रास्ते खुद ब खुद निकल जाते हैं !
.....
ऐसी माँ -
धरती , आकाश , निवाला
सब बन जाती है
अपने बच्चों के लिए
वह पाताल भी नापकर आती है !
शांत चेहरे से एक ही आवाज़ उभरती है -
माँ एक अवतार होती है
युग कोई भी हो
माँ आधार होती है
.........
अपने आंसुओं को वह भूल सकती है
अपनी ख्वाहिशों का गला घोंट सकती है
पर अपने बच्चे की एक एक सिसकियों का हिसाब रखती है
रात भर लोरी बन
साथ चलती है
अँधेरे में वह अपने बच्चों पर जब चीखती है
तो एक एक चीख में सुरक्षा की दुआ होती है
जब माँ कमरे में बंदकर बच्चे को डराती है
तो उसके पीछे एक ही चाह होती है
- बन्द रास्तों की चेतावनी !
....
ऐसी माँ -
' हाथ पकड़े रखना ' की चीख के साथ
बच्चों का विश्वास बनती है
कि आँधियाँ कैसी भी हों
कैसे भी हों तूफ़ान
वे सुरक्षित हैं ... माँ साथ है
सच है ,
किसी को नज़र आए न आए
बच्चों के हर कदम के आगे
माँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है ...
बहुत सुन्दर दी....
जवाब देंहटाएंमाँ एक अवतार होती है
युग कोई भी हो
माँ आधार होती है
.........
पकडे रहती हैं हाथ बच्चों का......
काश के बच्चे ये हाथ कभी न छुडाते.........तब तो सार्थक होता उसका जीवन....उसके बलिदान.....
सादर
सच है रश्मि जी माँ बच्चों के लिए वो शक्ति है जो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सुरक्षाचक्र की भाँति उनके आसपास ही होती है....
जवाब देंहटाएंसच है ,
जवाब देंहटाएंकिसी को नज़र आए न आए
बच्चों के हर कदम के आगे
माँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है ...
bilkul sahi kaha hai sundar rachna shurvat se ant tak...sarthak !
बच्चों के हर कदम के आगे
जवाब देंहटाएंमाँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है ...
sarthak ...sargarbhit rachna di ...
युग कोई भी हो
जवाब देंहटाएंमाँ आधार होती है
नि:शब्द हूँ ... भावमय करते शब्द ... आभार
सच है ,
जवाब देंहटाएंकिसी को नज़र आए न आए
बच्चों के हर कदम के आगे
माँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है ...और वही उसका सुरक्षा कवच होता है !!!
माँ को समर्पित प्यारी रचना !
जवाब देंहटाएंमाँ की हर आहट बच्चों के लिए होती है ... बहुत सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावमय माँ को समर्पित रचना
जवाब देंहटाएंसादर
सच है, माँ जैसी सिर्फ माँ ही होती है, अपने बच्चों की खातिर जीती है और मरती भी है, सब कुछ कह दिया हैआपने . काश कि इसे हर बच्चा समझ पता. युग बदला संतान बदल गई माँ आज भी जैसी थी वैसी है... बहुत सुन्दर भाव... आभार आपका
जवाब देंहटाएंवाह...एक माँ बच्चों के लिए हर हद्द से गुजर सकती है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर.
ऐसी माँ -
जवाब देंहटाएंधरती , आकाश , निवाला
सब बन जाती है
अपने बच्चों के लिए
वह पाताल भी नापकर आती है !
शांत चेहरे से एक ही आवाज़ उभरती है -
माँ एक अवतार होती है
युग कोई भी हो
माँ आधार होती है
yahi to hai ek maa ke astitiv ka sacha aadhaar...
माँ एक अवतार होती है
जवाब देंहटाएंयुग कोई भी हो
माँ आधार होती है
बहुत ही सुन्दर पोस्ट।
Amazing Rashmi ji. अन्दर तक छू गयी ये कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावप्रणव रचना!
जवाब देंहटाएंइसको साझा करने के लिए आभार!
माँ एक अवतार होती है
जवाब देंहटाएंयुग कोई भी हो
माँ आधार होती है
एकदम सत्य है कि माँ मानव के जीवन का आधार होती है बल्कि इस सृष्टि का आधार होती है. उससे और उसके त्याग और तपस्या से कोई कभी उऋण हो ही नहीं सकता है. तूफानों और चट्टानों से टकरा कर भी वह अपने बच्चों के लिए ढाल बनी रहती है.
माँ तू सबसे प्यारी है.... बहुत बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसच है ,
जवाब देंहटाएंकिसी को नज़र आए न आए
बच्चों के हर कदम के आगे
माँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है ...
बहुत ही सुंदर भावो की अभिव्यक्ति,,,,
MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...
वाकई वे साथ रहती हैं ...
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली रचना , आभार आपका !
माँ का शब्द ही बच्चों के लिये एक बड़ा सहारा है..
जवाब देंहटाएंमां और मां शब्द की महिमा अपरम्पार है।
जवाब देंहटाएंबच्चे के हर कदम के आगे माँ की प्रतिध्वनि होती है ...
जवाब देंहटाएंमाँ को एक माँ ने ही सम्पूर्ण रूप से परिभाषित कर दिया!
सच है ,
जवाब देंहटाएंकिसी को नज़र आए न आए
बच्चों के हर कदम के आगे
माँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है ...वाह...! आश्वस्त करता एक सच .....सच के सिवा कुछ नहीं ....!!!!!!
माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी...?
जवाब देंहटाएंसच कहा, वह अवतार ही है.
जवाब देंहटाएंजो क्षण-क्षण की फ़िक्र लिए रहती है अपने बच्चों की... उस माँ को पाकर तो बच्चे धन्य हो उठते हैं.. साइकिक माएँ तो वो होती हैं जिन्हें अपने बच्चों के बारे में फ़िक्र ही नहीं होती..
जवाब देंहटाएंसादर
maa jo bhi hai bacchon k liye hai lekin kya ye bacche poorn roop se samajh paate hain. par bacche samjhe n samjhe maa , maa hi rahegi.
जवाब देंहटाएंमाँ की प्रतिध्वनि ही हमारी धड़कन है...
जवाब देंहटाएंबच्चों के हर कदम के आगे
जवाब देंहटाएंमाँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है
क्योंकि माँ तो बस माँ है ...
सुन्दर भाव........
जवाब देंहटाएंऐसी माँ -
' हाथ पकड़े रखना ' की चीख के साथ
बच्चों का विश्वास बनती है
कि आँधियाँ कैसी भी हों
कैसे भी हों तूफ़ान
वे सुरक्षित हैं ... माँ साथ है
सच है ,
किसी को नज़र आए न आए
बच्चों के हर कदम के आगे
माँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है ...
सुंदर भाव से रची
जवाब देंहटाएंबहूत सुंदर भावपूर्ण रचना...
ओह, माँ ...
जवाब देंहटाएंekdam rahti hai......
जवाब देंहटाएंकिसी को नज़र आए न आए
जवाब देंहटाएंबच्चों के हर कदम के आगे
माँ की प्रतिध्वनि साथ रहती है
- कितने सुन्दर सत्य का निरूपण !
युग बदले ...वक्त बदला ...पर माँ और माँ के प्यार का आधार कभी नहीं बदला ...
जवाब देंहटाएंएक माँ अपने बच्चे की एक एक सिसकियों का हिसाब रखती है .... !!
जवाब देंहटाएंmaa ke svroop ka sahi chitran ..
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