29 अक्टूबर, 2007

उससे पहले...




अभी-अभी
बस - कुछ पल पहले
मेरी गोद में चढ़ कर नाचे थे तुम सब...
कब नन्हें पैर नीचे उतरे
कब गुड्डे, गुड्डियों का खेल ख़त्म हुआ
कोई आहट नही मिली...
शहनाइयाँ बजने लगी तो जाना ,
ये वह ही नन्हें पाँव हैं...
जिनमे थिरकन डाल कर , साथ थिरक कर ,
मैं भी जवान हुई थी!
वक़्त की रफ़्तार बड़ी तेज़ है...
कस कर थामो इस
आओ ,
एक बार फिर थिरक लें ...
कौन जाने
किन - किन नन्हें पैरों में तुम्हे भी डालनी पड़े थिरकन....
कब वो तुम्हारी गोद से नीचे उतरे....
उस से पहले
हम फिर जी लें अतीत को वर्तमान में....


2 टिप्‍पणियां:

  1. हिन्‍दी एग्रीगेटर पंजीयन प्रक्रिया इस प्रकार है :-

    1 http://blogvani.com/logo.aspxइस पेज पर जाए और अपने ब्‍लाग का पता डालें वहां एक एचटीएमएल कोड जनरेट होगा उसे अपने ब्‍लाग के टेम्‍पलेट में एचटीएमएल कोड के रूप में डाल देवें यह ब्‍लागवाणी का पंजीकरण होगा

    2 चिट्ठाजगत : http://www.chitthajagat.in/panjikaran.php

    3 नारद : http://narad.akshargram.com/

    4 हिन्‍दी की समस्‍त कडी अपने कम्‍यूटर में हर एक्‍सप्‍लोरर के ओपनिंग के साथ ही देखने के लिए
    http://hindiblog.ourtoolbar.com/

    जवाब देंहटाएं

गंगा

गंगा ! तुम परंपरा से बंधकर बहती,  स्त्री तो हो किंतु परंपरा से अलग जाकर  अबला अर्थ नहीं वहन करती  वो रुपवती धारा हो जिसका वेग  कभी लुप्त नही...